- डीडीयू के संवाद भवन में अंग्रेजी विभाग की तरफ से आयोजित किया गया दो दिवसीय नेशनल सेमिनार
- राजस्थान यूनिवर्सिटी से आए प्रो। जसवीर जैन ने 'फेमिनिज्म एंड वियोण्ड आइडेन्टिटी जेंडर एंड पॉलिटिक्स' पर रखा वचार
GORAKHPUR: एक औरत को आर्थिक ताकत के साथ-साथ भावनात्मक एवं पारिवारिक ताकत भी देना अनिवार्य होता है। औरतों का समाज में किस प्रकार शोषण हुआ है, उसे साहित्य ने बखूबी दिखाया है। यह बातें अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित दो दिन के नेशनल सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर से आए प्रो। जसवीर जैन ने कही। सेमिनार का मुख्य विषय 'फेमिनिज्म एण्ड वियोण्ड आइडेन्टिटी जेन्डर एण्ड पॉलिटिक्स' रहा।
भारतीय हो या अमेरिकी साहित्य
डीडीयू के संवाद भवन में थर्सडे की मार्निग क्0.फ्0 बजे दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने कहा कि भारतीय साहित्य हो या अमेरिकी साहित्य, सभी में नारियों के विभिन्न रूपों का चित्रण किया गया है। नारी केवल नारी नहीं है, वह शक्ति का प्रतीक है और इससे बढ़कर भी है। फेमिनिज्म पर चर्चा करते हुए उन्होंने गोरखपुर की धरती पर फिराक गोरखपुरी एवं प्रेमचन्द के विभिन्न उपन्यासों का उदाहरण भी दिया।
समाज को एक नई दिशा देंगे
अध्यक्षीय उद्धबोधन में डीडीयू वीसी प्रो। अशोक कुमार ने फेमिनिज्म शब्द की उत्पति के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तरह के विषय बहुत ही प्रासंगिक हैं, जो कि शोध की गुणवत्ता बढ़ाएंगे ही साथ ही साथ समाज को एक नई दिशा देंगे। सेमिनार की संयोजिका प्रो। नन्दिता सिंह ने सेमिनार के विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने इको फेमिनिज्म जैसे शब्दों को भी रेखांकित किया।
ओपेन लेक्चर में रखे विचार
इसी क्रम में आयोजन सचिव और संचालक डॉ। अजय कुमार शुक्ला ने फेमिनिज्म विषय की प्रासंगिकता बताते हुए कहा कि भारतीय साहित्य ने अमेरिकी साहित्य में नारी जैसे विषय को बखूबी उठाया है। ओपेन लेक्चर में बीएचयू से आई प्रो। अनीता सिंह ने अपने विचारों को रखा। धन्यवाद ज्ञापन डॉ। सुष्मिता भट्टाचार्या ने किया।
स्मारिका का हुआ विमोचन
इस अवसर पर सेमिनार के लिए तैयार की गई स्मारिका का वीसी एवं मुख्य अतिथि द्वारा विमोचन किया गया। सेमिनार में डॉ। अलोक कुमार और डॉ। अवनीश राय, डॉ गौर हरी बेहेरा, डॉ। सुनीता मुर्मू, डॉ। शिखा सिंह द्वारा गेस्ट्स का सम्मान किया गया।