पूर्वाचल में जेई व एईएस की भयावहता को देखते हुए एक बार फिर मेडिकल कॉलेज में कार्याशाला का आयोजन किया गया। सेमिनार हॉल में सैटर्डे की मार्निग जेई और एईएस पर चर्चा की गई। अटलांटा से आई टीम की सदस्य डा। पद्मिनी ने कहा कि इस घातक बीमारी पर लगाम लगाने के लिए डॉक्टरों को आगे आने की जरूरत है। साथ ही डॉक्टरों की टीम बनाकर प्रशिक्षण देने की जरूरत है। डीजी हेल्थ विजय लक्ष्मी ने कहा कि जेई और एईएस जैसी बीमारी को शुरूआती दौरान में पहचान और इलाज किया जाए तो उन्हें बचाया जा सकता है। एनआरएचएम के जीएम एमके मिश्रा ने कहा कि सभी डिस्ट्रिक हॉस्पिटलों में अत्याधुनिक लैब बनाए जा रहे हैं।