गोरखपुर (ब्यूरो)।कृष्ण और सुदामा का सम्बंध उस आश्रम की स्मृतियां हैं, जहां उन्होंने कभी अध्ययन किया था। हमारी पाठशाला ही हमारे जीवन को उत्कृष्ट और समाज को समृद्ध बनाते हैं। यह बातें गोरखपुर यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय इंटरनेशनल एल्युमिनाई मीट के दूसरे दिन सेमिनार के सेक्टर चार में 'संस्थाओं के विकास में पुरातन छात्रों की भूमिकाÓ विषय पर आयोजित एक सत्र को बतौर चीफ गेस्ट संबोधित करते हुए लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के वीसी प्रो। मुरली मनोहर पाठक ने दिया।

सम्मान का अवसर है एल्युमिनाई मीट

कोऑर्डिनेटर प्रो। अजय कुमार शुक्ला ने गेस्ट्स का वेलकम करते हुए कहा, किसी भी संस्थान की पहचान उसके पूर्व छात्रों से होती है और उन पूर्व छात्रों से संवाद और सम्मान का अवसर होता है पुरातन छात्र सम्मेलन। विभिन्न सत्रों में प्रो। मुरली मनोहर पाठक, डॉ। बलराम शुक्ल, प्रो। जीसी पांडेय, प्रो। एसपीएम त्रिपाठी, प्रो। एसके दीक्षित, डॉ। सत्या पांडेय, डॉ। प्रमोद दीक्षित, डीडी शुक्ला, एनएनडी द्विवेदी, स्वामी प्रकाश पांडेय की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अलग सत्रों की अध्यक्षता प्रो। रजनी कांत पांडेय, प्रो। अवनीश राय, प्रो। आलोक कुमार, प्रो। उमेश यादव, प्रो। गौर हरी बेहरा और प्रो। उषा सिंह ने किया।