गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर जंक्शन पर 9 प्लेटफॉर्म हैं। स्टेशन के मेन गेट को छोड़ दिया जाए तो उत्तरी गेट, पार्सल और प्लेटफॉर्म नंबर- एक का कैब-वे, धर्मशाला बाजार, असुरन चौराहा तथा बिछिया की तरफ से लोग बेरोकटोक आवागमन करते रहते हैं। अराजकतत्वों के अलावा छुट्टा पशु भी स्टेशन कैंपस में इधर-उधर घूमते रहते हैं। हर तरफ से खुला होने की वजह से ही कोई भी व्यक्ति कहीं से भी स्टेशन में घुस जाता है।
मेटल डिटेक्टर महीनों से खराब
स्टेशन कैंपस में लगी मेटल डिटेक्टर मशीन कई महीनों से बंद पड़ी है। मेटल डिटेक्टर मशीन इसलिए लगाई जाती है ताकि कोई व्यक्ति किसी तरह का हथियार लेकर प्रवेश ना कर सके। स्टेशन पर मशीन के बंद होने की वजह से आम यात्रियों के लिए खतरा बढ़ सकता है। क्योंकि कोई भी बदमाश हथियार लेकर प्लेटफॉर्म पर या ट्रेन में पहुंच सकता है।
लगेज स्कैनर खराब
गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर लगा बैग स्कैनर मशीन काफी दिनों से बंद पड़ा है। जो भी यात्री स्टेशन पर आते हैं उनका लगेज कहीं भी चेक नहीं होता। इस लापरवाही की वजह से स्मग्लिंग करने का रास्ता काफी आसान हो जाता है क्योंकि ट्रेन में कभी-कभी ही चेकिंग होती है। प्लेटफॉर्म नंबर 2 लगा बैग स्कैनर ही केवल काम करता है मगर इस गेट से बहुत ही कम यात्री प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करते हैं। वहीं प्लेटफॉर्म पर स्कैनर मशीनें बंद होने के बाद आरपीएफ या जीआरपी की तरफ से कोई मैनुअल चेकिंग नहीं होती। टिकट की तो चेकिंग हमेशा होती रहती है मगर सुरक्षा की दृष्टि से गश्त के अलावा और कुछ नहीं होता।
सीसीटीवी कैमरे भी बने शोपीस
जानकारी के मुताबिक गोरखपुर जंक्शन पर कुल 64 सीसीटीवी कैमरे निगरानी के लिए लगे हुए हैं। मगर जंक्शन की सुरक्षा से जुड़े कुछ कर्मचारियों की मानें तो इनमें से काफी कैमरे बंद पड़े हैं। यह केवल शोपीस बनकर रह गए हैं।
स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रखने के लिए गोरखपुर स्टेशन पर कुल 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिसके माध्यम से सभी यात्री प्लेटफॉर्मों की निगरानी रखी जाती है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए आर पी एफ जवान मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। लगेज की निगरानी के लिए हैंड स्कैनर का यूज करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सुरक्षा संबंधी किसी भी शिकायत के लिए 139 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें। इसकी सतत मॉनिटरिंग की जाती है।
- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर