गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसे आठ उपकेंद्रों को चिन्हित करते हुए इनकी लाइन की इस्टीमेट तैयार किया गया है। प्रस्ताव को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में स्वीकृति मिल गई है। दिसंबर तक इन सभी लाइनों के काम को पूरा करने का लक्ष्य है। अगले कुछ दिनों में टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिसके बाद इसका काम शुरू होगा।
उद्यमियों को मिलेगी बेहतर बिजली
बक्शीपुर खंड का इंडस्ट्रियल इस्टेट उपकेंद्र से उद्यमियों के फैक्ट्री तक बिजली सप्लाई दी जाती है। उपकेंद्र के औद्योगिक फीडर तक उपकेंद्र की एक नई लाइन 4 करोड़ 56 लाख रुपएकी लागत से बनाई जाएगी। इससे औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों को पहले से बेहतर बिजली मिल सकेगी। टाउनहाल खंड में पाम पैराडाइज उपकेंद्र से लोहिया उपकेंद्र तक नई लाइन का निर्माण किया जाएगा। अभी लोहिया उपकेंद्र तक मोहद्दीपुर न्यू ट्रांसमिशन उपकेंद्र से सप्लाई दी जाती है। 60 लाख रुपए की लागत से ये लाइन बनाई जाएगी। खोराबार उपकेंद्र से तारामंडल उपकेंद्र तक की नई लाइन बिछाई जाएगी। ये करीब 7.50 करोड़ रुपए से लाइन बनेगी। करीब दो किमी लंबी लाइन होगी। तारामंडल में अभी मोहद्दीपुर ट्रांसमिशन से सप्लाई दी जाती है।
सूरजकुंड में अलग अतिरिक्त लाइन
पिछले दिनों लंबे समय से सूरजकुंड इलाके में बिजली सप्लाई की दिक्कत चल रही थी। ऐसे में समस्या का निजात दिलाने के लिए एफसीआई न्यू ट्रांसमिशन से सूरजकुंड उपकेंद्र तक अतिरिक्त लाइन बनाई जाएगी। उपकेंद्र पर इससे अतिरिक्त सोर्स के माध्यम से कटौती होने पर सप्लाई शुरू करवा दी जाएगी। इस लाइन को काम में 10 करोड़ 55 लाख रुपए का खर्च आएगा। जबकि, 2.13 करोड़ रुपए से दुर्गाबाड़ी उपकेंद्र की लाइन भी खींची जाएगी। 95 लाख रुपए से लालडिग्गी उपकेंद्र से नार्मल उपकेंद्र तक दूसरी लाइन खींची जाएगी। धर्मशाला उपकेंद्र से विश्वविद्यालय उपकेंद्र तक की दूसरी लाइन भी 47 लाख रुपए में खीची जाएगी। राजेंद्र नगर से विकास नगर उपकेंद्र तक की लाइन में 71 लाख रुपए और टाउनहाल उपकेंद्र से कोर्ट फीडर के लिए एक नई लाइन 47.55 लाख रुपए से खींची जाएगी। इन लाइनों को बन जाने से एक उपकेंद्र में फॉल्ट होता है और बिजली सप्लाई गुल होती है तो दूसरे बिजली उपकेंद्र से सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। ऐसे में घंटों बिजली सप्लाई गुल होने की जगह थोड़ी देर बाद सप्लाई शुरू हो जाएगी।
कंज्यूमर्स को मिलेगी राहत
शहर के कई बिजली घरों तक सिर्फ एक लाइन से ही सप्लाई दी जाती है। अगर किसी भी बिजली घर में तकनीकी गड़बड़ी होती है तो उन्हें कई घंटे तक बिजली सप्लाई का इंतजार करना पड़ता है। इसलिए अब बिजली निगम विकल्प के रूप में बिजली घरों तक सेकेंड लाइन बनाने जा रहा है। सेकेंड लाइन बनने से कंज्यूमर्स को फाल्ट की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। यदि एक लाइन में फाल्ट हुआ तो अतिरिक्त सोर्स से उन्हें सप्लाई मिल सकेगी।
बिजली उपकेंद्रों को दूसरी अतिरिक्त लाइन से जोड़ा जाएगा। इसका फायदा होगा कि फाल्ट होने पर कंज्यूमर्स को घंटा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर