- डीडीयूजीयू के संवाद भवन कैंपस में रोवर्स-रेंजर्स का समाप्त हुआ पांच दिवसीय ट्रेनिंग
- ट्रेनिंग के अंतिम दिन रोवस-रेंजर्स ने लगाए डिफरेंट टाइप के कैंप
GORAKHPUR: रोवर्स एवं रेंजर्स युवकों के लिए प्रशिक्षण एवं अनुभव है जिसमें वह स्काउट आदर्शो के अनुरूप अपने को ढालता है। जीवन में आचरण के लिए दिशा-निर्देश इन्हीं आदर्शो से प्राप्त होते हैं। आचरण की शुद्धता और स्वावलंबी बनाना स्काउट का प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए, जिससे स्टूडेंट्स में स्व अनुशासन व चरित्र का सर्वागीण विकास हो सके। यह बातें रोवर्स एवं रेंजर्स के पांच दिवसीय ट्रेनिंग के समापन पर वीसी प्रो। अशोक कुमार ने कहीं। वहीं ट्रेनिंग के अंतिम दिन रोवस-रेंजर्स ने डिफरेंट टाइप के कैंप भी लगाए।
समाधान का गुर विकसित होता है
कार्यक्रम के चीफ गेस्ट रहे प्रो। आर। पी यादव ने कहा कि रोवर्स-रेंजर्स के कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमों के समान्तर विकसित किए जा सकते हैं। रोवर्स-रेंजर्स के माध्यम से स्टूडेंट्स में विषम परिस्थितियों में टीम के साथ सामंजस्य बनाकर कठिन से कठिन समस्याओं के समाधान का गुर विकसित होता है।
समन्वयक ने किया गेस्ट का स्वागत
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि सैन्य विज्ञान विभाग के प्रेसीडेंट प्रो। एपी शुक्ला ने रोवर्स-रेंजर्स की टीम भावना की सराहना करते हुए कहा कि स्काउट के माध्यम से बच्चों का सर्वागीण विकास आसानी से किया जा सकता है। रोवर्स-रेंजर्स के समन्वयक डॉ। श्री निवास मणि त्रिपाठी ने सभी गेस्ट्स का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ। सुषमा पाण्डेय एवं आभार डॉ। विमलेश कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर ट्रेनर के रूप में रितांशु, सूरज, डॉ। सतीश चंद्र पाण्डेय, डॉ। अनिल यादव, डॉ। विजय, डॉ। अनुभूति दुबे, डॉ। सुधा यादव, डॉ। वीनावत्रा कुशवाहा, रोहित सैनी समेत रोवर्स-रेंजर्स के स्टूडेंट्स उपस्थित रहे।