- डीडीयू कैंपस में बनकर तैयार हुए साइंस म्यूजियम की जल्द ही होगी शुरूआत
- सात करोड़ रुपए की लागत से बने साइंस म्यूजियम में हर किसी को मिल सकेगी फ्री ऑफ कॉस्ट एंट्री
GORAKHPUR: ह्यूमन डेवलपमेंट कैसे हुआ? इस टेक्नोलॉजी के युग में किस तरह से इवॉल्युशन आया है? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके बारे में हम थोड़ा बहुत जानते तो हैं, लेकिन यह एक्चुअली हुआ कैसे इसकी समझ हममें नहीं है। साइंस के स्टूडेंट्स की बात छोड़ दें तो ह्यूमन बॉडी का डेवलपमेंट कैसे हुआ शायद यह भी सबको मालूम न हो। इस परमनेंट प्रॉब्लम से स्टूडेंट्स को जल्द ही छुटकारा मिलेगा। स्टूडेंट्स के मन में उमड़ रहे इस तरह के तमाम सवालों के जवाब उन्हें एक ही छत के नीचे मिलेंगे। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में साइंस म्यूजियम बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही यह सभी स्टूडेंट्स के लिए ओपन होगा।
सात करोड़ में तैयार हो रहा है म्यूजियम
डीडीयूजीयू कैंपस में साइंस म्यूजियम तैयार हो चुका है। इसकी जल्द शुरुआत करने के लिए डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। अशोक कुमार ने टीचर्स के साथ मीटिंग कर जरूरी निर्देश दिए हैं। 2013 में डीडीयूजीयू कैंपस के तत्कालीन वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी के कार्यकाल में इसके लिए करीब सात करोड़ रुपए बजट मिला था। इसमें स्टूडेंट्स को जुलॉजी, बॉटनी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, इलेक्ट्रानिक्स और मैथमेटिक्स के इंस्ट्रूमेंट्स रखे जाएंगे। तीन मंजिल में बने इस साइंस म्यूजियम में दुर्लभ प्रजातियों को रखने के लिए 12 हाल बनाए गए हैं। वहीं लिफ्ट की भी सुविधा भी दी जाएगी। इसका फायदा अदर स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को मिलेगा।
दूसरे स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा फायदा
यूनिवर्सिटी में साइंस म्यूजियम बनने के बाद इसका फायदा सिर्फ साइंस के ही नहीं बल्कि अदर स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा। प्रोफेसर डॉ। रविकांत उपाध्याय ने बताया कि जितनी इंफॉर्मेशन साइंस के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के बाद मिलती है, साइंस म्यूजियम की विजट के बाद उसके बराबर की इंफॉर्मेशन अदर स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के पास भी होगी, क्योंकि यहां वह उन सभी चीजों को स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल तौर पर देख और समझ सकेंगे। यही नहीं साइंस न पढ़ने के बावजूद वह फिजिक्स, कैमिस्ट्री, जूलॉजी और बॉटनी से रिलेटेड इंफॉर्मेशन यहां से आसानी से हासिल कर सकेंगे।
प्रैक्टिकल में मिलेगा खास फायदा
प्रोफेसर डॉ। रविकांत उपाध्याय ने बताया कि इस म्यूजियम का साइंस के स्टूडेंट्स को खास फायदा मिलेगा। वह यह कि अभी तक उन्हें कई ऐसी चीजों का प्रैक्टिकल भी करवाया जाता है जो उन्होंने कभी देखीं भी नहीं। एग्जामपल के तौर पर जूलॉजी और बॉटनी में कई ऐसे एनीमल, प्लांट और फ्लोरा हैं, जिन्हें उन्होंने देखा नहीं है, लेकिन प्रैक्टिकल के दौरान उन्हें उनके पिक्चर ड्रा करने होते हैं। इस वजह से उनके माइंड में उस पर्टिकुलर चीजों की वहीं इमेज बन जाती है, जबकि रियल में वह स्पेसिमेन कुछ डिफरेंट होता है। म्यूजियम से उन्हें सबसे बड़ा फायदा यही मिलेगा, कि वह जिस स्पेसिमेन की तसवीर बनाते आए हैं, वह रियल में दिखता कैसा है, यह बात उन्हें मालूम हो जाएगी।
क्यूरेर्ट्स की निगरानी में होगा म्यूजियम
साइंस म्यूजियम में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत जीव प्रजातियां, उनके नमूने, उनका जर्म प्लाज्म का संग्रहण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि म्यूजियम में स्टूडेंट्स को लुत्प हो गई, संवेदनशील, सताई गई और दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलेंगी। इसकी देखभाल का जिम्मा क्यूरेटर्स को सौंपा गया है। म्यूजियम में आने वाले दर्शकों को देखने का मौका मिलेगा।
साइंस म्यूजियम लगभग बनकर तैयार हो चुका है। जल्द ही इसे शुरू करा दिया जाएगा। इसका लाभ कैंपस स्टूडेंट्स के अलावा गोरखपुराइट्स को मिल सकेगा।
- प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू