- 18 जून को तहसील प्रशासन ने सील की थी डिस्टलरी
- सील होने से कर्मचारियों के सामने खड़ी हो गई थी जीवकोपार्जन की समस्या
GORAKHPUR : सरदार नगर स्थित सरैया डिस्टलरी का ताला मंडे को खुल गया। डिस्टलरी बंद होने से वहां के करीब 650 कर्मचारियों के परिवार के सामने जीवकोपार्जन का संकट खड़ा हो गया था। कर्मचारियों की लगातार मांग को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर तहसीलदार चौरीचौरा ने मंडे को डिस्टलरी में लटका ताला खुलवा दिया। हालांकि मामले में कार्रवाई करते हुए तहसीलदार ने डिस्टलरी की जमीन भी कुर्क कर ली। साथ ही कुर्क की गई खाली पड़ी जमीन की नीलामी का प्रॉसेस भी शुरू कर दिया गया है।
चौथे दिन खुला डिस्टलरी का ताला
सरैया चीनी मिल के कर्मचारियों के बकाया वेतन को लेकर श्रम विभाग ने अलग-अलग तिथियों में 86 लाख रुपए की तीन आरसी जारी की थी। लंबे समय कर इसकी वसूली न होने पर कर्मचारी हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट की सख्ती के बाद चौरीचौरा तहसील प्रशासन ने 18 जून को डिस्टलरी सील कर दी। चीनी मिल तीन साल से बंद है। इसलिए प्रेशर बनाने के लिए प्रशासन ने डिस्टलरी को सील किया। डिस्टलरी सील होने से वहां कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। इससे वहां काम कर रहे कर्मचारियों के सामने समस्या खड़ी हो गई। वे अपनी समस्या को लेकर कमिश्नर और डीएम से मिले। मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने मंडे को डिस्टलरी का ताला खोलने का निर्देश दे दिया। साथ ही डिस्टलरी की खाली पड़ी जमीन को कुर्क करने का आदेश दिया। मंडे को तहसीलदार चौरीचौरा ने खाली पड़ी करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन को कुर्क करने के साथ उसकी सुपुर्दगी सिक्योरिटी अफसर रवि सिंह को सौंप दी।
जिला प्रशासन के निर्देश पर डिस्टलरी का ताला खोल दिया गया है। साथ ही आए निर्देश के मुताबिक खाली पड़ी जमीन पर लाल झंडी लगाकर कुर्क कर ली गई है। इस जमीन की नीलामी का प्रॉसेस भी शुरू कर दिया गया है।
अजय कुमार त्रिपाठी, तहसीलदार चौरीचौरा