- लगातार दूसरे दिन भी जारी रही सराफा कारोबारियों की हड़ताल

- गुरुवार को भी नहीं खुली सराफा की दुकाने, करोड़ो का कारोबार रहा ठप

- एक्साइज डयूटी व पैन कार्ड की अनिवार्यता खत्म करने की है मांग

GORAKHPUR: एक प्रतिशत एक्साइज डयूटी व दो लाख से उपर की सोने व हीरे के ज्वैलरी की खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता के विरोध में लगातार दूसरे दिन भी सराफा कारोबारी हड़ताल पर रहे। सिटी व आसपास के एरियाज में सराफा के दुकाने गुरुवार को भी पूरी तरह बंद रही। सराफा मंडल के बैनर तले घंटाघर स्थित बंधु सिंह पार्क पर व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध भी जताया। सराफा व्यवसायी बुधवार से तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं। उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार इसे तत्काल बंद करे अन्यथा यह आंदोलन मासिक आंदोलन का रुप ले सकता है। इसके साथ ही व्यापारियों ने यह तय किया है कि शुक्रवार को बंधु सिंह पार्क से मोटरसाइकिल जूलुस निकालकर डीएम को ज्ञापन सौंपेंगे।

बढ़ी ग्राहकों की मुसीबत

एक ओर बुधवार से सराफा कारोबारियों के हड़ताल पर जाने से प्रतिदिन जहां 12 से 15 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर शादी के सीजन में ज्वैलरी की शॉप्स बंद हो जाने से ग्राहकों की मुसीबत भी बढ़ गई है। इसे लेकर कस्टमर्स भी काफी परेशान हो रहे हैं। ग्राहकों को इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं इस हड़ताल से सोने-चांदी के दाम न बढ़ जाए। हालांकि व्यपारियों का कहना है कि शनिवार से सभी दुकाने खुलने लगेंगी और रही बात दाम बढ़ने की तो उस समय सोने व चांदी का जो भी रेट होगा, मार्केट भी उसी के अनुसार रहेगी।

व्यापारियों ने जताया विरोध

इसी क्रम में ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के आह्वान पर सराफा मंडल के सराफा कारोबारियों ने घंटाघर में धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। इसके साथ ही संयुक्त व्यापार मंडल से लेकर विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है। व्यापारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो यह लड़ाई लंबी लड़ी जाएगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। व्यापारियों ने कहा कि इस निर्णय को सरकार को वापस लेना होगा। क्योंकि यह जनहित में नहीं है। सरकार का यह निर्णय सराफा कारोबारियों की कमर तोड़ने की साजिश है।

गोल्ड व डायमंड की ज्वैलरी पर जब तक एक प्रतिशत की एक्साइज डयूटी नहीं लग जाती, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। यह लड़ाई सिर्फ बड़े या छोटे व्यापारियों की नहीं है, बल्कि यह लड़ाई पूरे स्वर्ण समाज की है।

अतुल सराफ, संरक्षक, सराफा मंडल

इस लड़ाई में सराफा व्यापारियों के साथ कारीगर बंधु भी शामिल है। यह लड़ाई हम सब मिलकर लड़ेंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि जीत हमारी ही होगी।

शरद चंद अग्रहरी, अध्यक्ष, सराफा मंडल