- कौआदह में लगे ट्यूबवेल से आ रहा बालू युक्त पानी

- पेट की बीमारियों से पीडि़त होने लगे हैं लोग

GORAKHPUR: गीता प्रेस से लेकर घंटाघर एरिया के लोगों को 25 लाख लागत का ट्यूबवेल बालू वाला पानी पिला रहा है। कौआदह में लगे इस ट्यूबवेल से पिछले छह महीने से बालू युक्त पानी निकल रहा है। ये गंदा पानी पीने के चलते यहां के लोगों को पेट से जुड़ी समस्याएं होने लगी हैं। शनिवार को भी तीन लोगों को पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल पहुंचाया गया। इस समस्या की जलकल अफसरों से कई बार शिकायत भी की गई है लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

लाखों खर्च का फायदा नहीं

गीता प्रेस और आसपास के मोहल्लों में लालडिग्गी स्थित ट्यूबवेल से सप्लाई होती थी। इस पर ज्यादा लोड के चलते सप्लाई काफी धीमी थी। समस्या को दूर करने के मकसद से जलकल ने साल भर पहले यहां 25 लाख की लागत से ट्यूबवेल लगवाया। शुरुआत में तो सप्लाई ठीक रही। लेकिन कुछ ही समय बाद पानी में बालू आना शुरू हो गया। कई बार शिकायत करने पर लोगों को केवल पुरानी पाइपलाइन टूटने का बहाना ही सुनने को मिलता रहा है।

तीन मोहल्लों में है प्रॉब्लम

गीता प्रेस, शेषपुर और घंटाघर एरिया में इस ट्यूबवेल से सप्लाई होती है। इन मोहल्लों के लगभग तीन हजार घरों में गंदा पानी पहुंच रहा है। पानी में बालू की स्थिति ये है कि गीता प्रेस के सामने रहने वाली बीनू उपाध्याय का आंगन टंकी से निकले बालू से भर गया है।

कोट्स

शहर में गर्मी बढ़ते ही पानी की प्रॉब्लम शुरू हो गई है, लेकिन शेषपुर एरिया में गंदे पानी की प्रॉब्लम पूरे साल बनी रहती है। कंप्लेन पर जिम्मेदार पुरानी पाइपलाइन का बहाना बनाते हैं।

अभिषेक चौरसिया, दुकानदार

गंदे पानी के कारण बहुत अधिक प्रॉब्लम हो रही है। पानी इतना गंदा है कि सफेद कपड़े इससे धोने पर पीले हो जा रहे हैं।

शारदा उपाध्याय, हाउसवाइफ

हर माह घर के बजट में एक हजार रुपए का एक्स्ट्रा खर्च बढ़ गया है। हर माह आरो का कैंडल बदलना पड़ रहा है। साथ ही लोगों को पेट की बीमारियां भी हो जा रही हैं। पिछले दो साल से ये प्रॉब्लम झेलनी पड़ रही है।

अंकिता कुमारी, स्टूडेंट

नगर निगम की लापरवाही के कारण इस एरिया की पब्लिक को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

बबलू अग्रहरि, स्थानीय नागरिक

वर्जन

पुरानी पाइपलाइन है जो टूट जा रही है। इसी कारण समस्या बनी हुई है। इसे ठीक कराया जा रहा है। जल्द ही लोगों को साफ पानी मिलने लगेगा।

राम कैलाश गुप्ता,

सहायक अभियंता, जलकल