- बहुरेंगे श्रमजीवी फीमेल हॉस्टल के दिन
- गवर्नमेंट ने जारी किया बजट, होगी मरम्मत
GORAKHPUR: सिटी में श्रमजीवी महिलाओं को ठहरने में प्रॉब्लम नहीं होगी। सिटी में उनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी के मद्देनजर बरसों से बंद और खराब हाल में पड़े हॉस्टल पर आखिरकार गवर्नमेंट की निगाह पड़ गई है। जिसके बाद अब हॉस्टल की हालत सुधारने के लिए गवर्नमेंट ने बजट जारी कर दिया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी का कहना है रेनोवेशन के बाद कमरों का अलॉटमेंट किया जाएगा।
1992 में बना था 17 कमरों का महिला हॉस्टल
1992 में सूर्यकुंड मोहल्ले के सूर्य बिहार चौराहे के पास श्रमजीवी महिला हॉस्टल का कंस्ट्रक्शन हुआ। परिवार से दूर अकेले रहकर जॉब करने वाली फीमेल्स और हायर एजुकेशन हासिल कर रही छात्राओं के ठहरने का इंतजाम करने के लिए इसका कंस्ट्रक्शन किया गया। 17 कमरों के हॉस्टल में ठहरने का पूरा इंतजाम था। कंस्ट्रक्शन के बाद इसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। धीरे-धीरे हॉस्टल की हालत खराब होती चली गई। पांच साल पहले एक एनजीओ ने हॉस्टल को गोद ले लिया। कुछ सालों तक कस्तूरबा विद्यालय का संचालन किया गया। कस्तूरबा विद्यालय शिफ्ट होने के बाद हॉस्टल की हालत बदतर होती चली गई। धीरे-धीरे खिड़कियां, दरवाजे, फर्श और दीवारें टूटने लगी। एनजीओ की तरफ से दो फोर्थ क्लास कर्मचारियों हरी नारायण उर्फ मणिशंकर और राजेश को तैनात किया गया था। संसाधनों के अभाव में कर्मचारी भी परेशान हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बिजली का कनेक्शन कट गया है। बिजली न आने से पानी की प्रॉब्लम भी होती है।
गवर्नमेंट ने जारी किया पांच लाख का बजट
उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम से जुड़े श्रमजीवी महिला आश्रम की हालत सुधारने के लिए करीब पांच लाख रुपए का बजट जारी किया गया है। इसकी मरम्मत कराकर महिलाओं के लिए एलॉटमेंट का निर्देश आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। जिला प्रोबेशन आफिस के कर्मचारी महिला आश्रम की दशा सुधारने की कोशिश में लग गए है। यदि कोई लापरवाही नहीं हुई तो दो माह में फीमेल्स के लिए सेफ और सिक्योर आसारा मिल जाएगा।
श्रमजीवी महिला आश्रम की हालत सुधारने का प्रयास चल रहा है। गवर्नमेंट ने इसके लिए बजट जारी कर दिया है। जल्द ही इसकी मरम्मत शुरू करा दी जाएगी।
समर बहादुर, जिला प्रोबेशन अधिकारी