- निर्धारित समय के अंदर नहीं आया था कैंपेनियन वोट का आवेदन
- दो को छोड़ बाकी वोट देने वाले नहीं पूरी कर रहे थे अर्हता
- यूपी के किसी और जिले में नहीं निकले इतने इनवैलिड वोट
GORAKHPUR: जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव भले ही समाप्त हो गया, लेकिन मतदान प्रक्रिया और मतगणना को लेकर चर्चाएं अब भी जारी है। हारने वाला पक्ष ने अब कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है। उनका आरोप है कि नियम कानून को ताख पर रखकर कैंपेनिंग और इनवैलिड वोट के जरिए चुनाव में गड़बड़ी की गई। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के कैंडिडेट रहे अजय बहादुर यादव का कहना कि चुनाव को लेकर कोर्ट ने कुछ निर्देश दिए थे। जिनको जिला प्रशासन ने इगनोर कर दिया। उनका कहना कि पूरे प्रदेश में कहीं इतने इनवैलिड वोटर नहीं होंगे, जितने गोरखपुर में मिले हैं।
समय सीमा के बाद लिया आवेदन
बसपा समर्थित प्रत्याशी रहे अजय बहादुर यादव का कहना है कि कैंपेनियन वोटर के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पांच तारीख तय थी। निर्धारित सीमा के अंदर रंजन कुमार के डीएम रहते केवल तीन आवेदन कैंपेनिंग वोटिंग के लिए आए थे। उसके बाद नए डीएम ने तेरह आवेदन और ले लिए। उनका कहना कि इसके लिए कुछ जरूरी अहर्ताएं होनी चाहिए। जिस तरह लोगों को कैंपेयनिंग वोट की परमिशन दी गई, उनमे से किसी ने जरूरी अर्हता को पूरा नहीं किया। उनका कहना कि इसके लिए कैंडिडेट को निरक्षर, दृष्टिबाधित या शारीरिक रूप से आशक्त होना चाहिए। इन 13 कैंडिडेट्स में से किसी में ये तीनों बातें नहीं थीं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के कैंडिडेट रहे अजय बहादुर यादव का कहना कि वे इसी सप्ताह कोर्ट में मुकदमा दायर करेंगे। उसके लिए जरूरी पेपर एकत्र किए जा रहे हैं।