- कमिश्नर की फटकार के बाद भी नहीं लग सका डग्गामार बसों पर कोई अंकुश
- महज एक सप्ताह में ही ठंडे बस्ते में चला गया आरटीओ का अभियान
- रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टेशन तक शुरू हुआ डग्गामार बसों व ट्रैवलर का संचालन
GORAKHPUR: डीएम हों या कमिश्नर आरटीओ के लिए सबका आदेश ठेंगे पर है। कमिश्नर के सख्त निर्देश के बाद भी डग्गामारी के खिलाफ आरटीओ का अभियान ठंडे बस्ते में चला गया। इससे एक बार फिर महानगर में डग्गामार बसें व अवैध रुप से चलने वाली ट्रैवलर बसें झूम कर चलने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि आरटीओ ने इन डग्गामारों के खिलाफ अभियान नहीं चलाया, लेकिन महज एक हफ्ते की कार्रवाई के बाद सबकुछ फिर अपने पुराने ढर्रे पर आ गया है। रेलवे स्टेशन से लेकर रोडवेज बस स्टेशन और आसपास के एरियाज में डग्गामार बसें खुलेआम सवारियां भरने लगी हैं।
कमिश्नर ने लगाई थी फटकार
सिटी में चल रहे डग्गामार वाहनों के संचालन से खफा कमिश्नर पी। गुरु प्रसाद ने बीते दिनों प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में आरटीओ को जमकर फटकार लगाई थी। इसमें कमिश्नर ने साफ तौर पर कहा था कि अगर तत्काल डग्गामार बसों, ट्रैवलर व ऑटो पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इसके लिए सीधा आरटीओ ही जिम्मेदार होंगे। कमिश्नर ने कड़े शब्दों में कहा था कि अगर इनपर कार्रवाई न हुई तो इसके लिए आरटीओ पर कार्रवाई की जाएगी।
एक हफ्ते की मांगी थी मोहलत
कमिश्नर के इस फटकार के बाद आरटीओ ने डग्गामार बसों पर अंकुश लगाने के लिए एक हफ्ते की मोहलत मांगी थी। आरटीओ ने यह आश्वासन दिया था कि सप्ताह भर के भीतर शहर से डग्गामार बसों सहित ट्रैवलर व काली आटो पर पूरी तरह अंकुश लगा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो सका। लिहाजा एक बार फिर यह अवैध बसें आरटीओ की नाक के नीचे फर्राटा भर रही हैं।
कार्रवाई से डरता है आरटीओ
आरटीओ के विभागीय लोगों के मुताबिक इन डग्गामार बसों व ट्रैवलर बसों पर पूरी तरह कार्रवाई करने में कहीं न कहीं आरटीओ भी कतराता है। सूत्र बतातें है कि क्योंकि इनमें कई बसें आरटीओ कर्मचारियों व उनके रिश्तेदारों की भी हैं। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी आरटीओ अधिकारियों को नहीं है। सूत्रों के मुताबिक कई बार इसके लिए अधिकारियों ने कर्मचारियों को फटकार भी लगाई है, लेकिन कर्मचारियों की विभाग में उपर तक पैठ होने के कारण इसके लिए उल्टा अधिकारियों को ही सुनना पड़ जाता है।