- आरटीई के तहत 7 बच्चों का हुआ एडमिशन, 31 अप्लीकेशन प्रॉसेस में
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : इंग्लिश मीडियम वाले प्राइवेट स्कूल में मेरा बेटा पढ़े। यह सपना सिर्फ एलीट क्लास या क्लास वन ऑफिसर्स का नहीं होता, बल्कि घरों में बर्तन धोने वाली महिला और सवारी ढोने वाले रिक्शा चालक का भी होता है। मगर घर की खराब आर्थिक स्थिति और शिक्षा पर पड़ी महंगाई की मार ने उनके इस सपने को दिल में ही दबा कर रख दिया था। अब ये सपना सच होगा। राइट टू एजुकेशन रूल्स के मुताबिक अब गरीब का बच्चा भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रयास शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग के पास आए आवेदन के बाद जहां 7 बच्चों का एडमिशन प्राइवेट स्कूल में करा दिया गया है, वहीं 31 अप्लीकेशन अभी प्रॉसेस में हैं।
पांच साल बाद आरटीई उतरा हकीकत में
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राइट टू एजुकेशन का एक रूल्स बनाया था। जिसके तहत सभी प्राइवेट स्कूल को एक निश्चित सीट रिजर्व रखनी थी, जिसमें गरीब परिवार के बच्चों का एडमिशन देना था। हालांकि इसके लिए कई शर्ते भी रखी गई थीं, मगर रूल्स बनने के बावजूद प्राइवेट स्कूल की मनमाने रवैये के कारण एक भी एडमिशन नहीं हुआ। प्रशासन की सख्ती के बाद इसका असर दिखने लगा है। 2015-16 सेशन में एजुकेशन के लिए आवेदन मांगे गए थे। आवेदन के मुताबिक 7 बच्चों का पहली बार प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया गया है। अभी 31 अप्लीकेशन प्रॉसेस में हैं। जल्द इनका भी दाखिला कराया जाएगा।
इनका हुआ एडमिशन
स्टूडेंट - स्कूल
यशिका पाठक - एवरग्रीन वर्ल्ड स्कूल
शिविका पाठक - एवरग्रीन वर्ल्ड स्कूल
अहद महमूद - एवरग्रीन वर्ल्ड स्कूल
आयुष कुमार - सूर्या पब्लिक स्कूल
अतुल भारती - सूर्या पब्लिक स्कूल
कौशिकी - मॉडर्न हेरिटेज स्कूल
सकलेन अहमद - आइडियल नर्सरी स्कूल
राइट टू एजुकेशन के तहत सभी प्राइवेट स्कूल को भी गरीब बच्चों का एडमिशन लेना पड़ेगा। इसके तहत अभी 7 बच्चों का एडमिशन कराया गया है। 31 फॉर्म अभी प्रॉसेस में हैं।
ब्रह्मचारी, नगर शिक्षा अधिकारी