गोरखपुर (ब्यूरो)। इसके अलावा छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में सरकारी कागजात और खरीद संबंधी दस्तावेज को सीबीआई टीम ने कब्जे में लिया है। मंगलवार को सीबीआई टीम ने उन्हें गोरखपुर के कौवाबाग स्थित उनके बंगले से गिरफ्तार किया था। 10 घंटे गोरखपुर में पूछताछ के बाद देर रात टीम उन्हें लेकर लखनऊ चली गई। बुधवार को उन्हें सीबीआई-2 कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान सीबीआई ने उन्हें शाम पांच बजे से 15 सितंबर को दिन में तीन बजे तक के लिए रिमांड पर ले लिया है। सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है।
1988 बैच के अधिकारी
पीसीएमएम 1988 बैच के इंडियन रेलवे स्टोर सर्विसेज (आईआरएसएस) अधिकारी हैं। पीसीएमएम को लखनऊ ले जाने के साथ सीबीआई की एक टीम गोरखपुर के ही एक होटल में रुक गई थी, जो बुधवार को सुबह स्टोर डिपो से फाइलें मंगाकर जांच की। जानकारों का कहना है कि सुबह ही सीबीआई की टीम पीसीएमएम के कार्यालय भी पहुंची थी और आवश्यक जांच- पड़ताल कर दोपहर बाद लखनऊ के लिए रवाना हो गई।
ये है मामला
सीबीआई की यह कार्रवाई सूक्ति एसोसिएट के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी की शिकायत पर हुई है। महानगर के अलहदादपुर निवासी प्रणव ने नौ सितंबर को पुलिस अधीक्षक सीबीआई, एसीबी लखनऊ को चि_ी लिखकर पीसीएमएम केसी जोशी द्वारा रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। आरोप है कि जेम पोर्टल के माध्यम से सूक्ति एसोसिएट का गोरखपुर स्थित स्टोर डिपो के लिए तीन ट्रक की सप्लाई का एक टेंडर मिला था। उसका उन्हें प्रतिमाह 80 हजार रुपए प्रति ट्रक पेमेंट होना था, लेकिन पीसीएमएम ने जेम पोर्टल से सूक्ति एसोसिएट का पंजीकरण निरस्त करने के लिए निर्देशित कर दिया। पीसीएमएम का कहना है कि उन्हें सात लाख रुपये रिश्वत नहीं दिए तो फर्म का पंजीकरण निरस्त करने के साथ टेंडर भी रद करा देंगे। सीबीआई ने इस आरोप को आधार मानते हुए मुकदमा दर्ज कर पीसीएमएम के कार्यालय और बंगले पर छापेमारी की।
ठेकेदार बनकर पीसीएमएम से की थी मुलाकात
सीबीआई ने पीसीएमएम से ठेकेदार बनकर मुलाकात की थी। उन्हें भनक तक नहीं लगी और उसकी संदिग्ध गतिविधियों से सीबीआई को भनक लग गई। इसके बाद टीम की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर पीसीएमएम की गिरफ्तारी का प्लान बना लिया। सीबीआई के कहने पर प्रणव ने अपने कर्मचारी के माध्यम से रिश्वत के तीन लाख रुपये सरकारी बंगले पर भेजे थे। जैसे ही पीसीएमएम ने रिश्वत की रकम ली, पहले से मौजूद सीबीआई की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
दूसरे दिन भी जिले में जमी रही सीबीआई की एक टीम
सीबीआर्ई की टीम दूसरे दिन बुधवार को भी गोरखपुर में जमी रही। चार सदस्यीय टीम मंगलवार की देर रात पूछताछ के बाद प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी को साथ लेकर लखनऊ रवाना हो गई। तीन सदस्यीय टीम गोरखपुर में ही होटल में ठहर गई। लखनऊ पहुंची सीबीआर्ई की एक टीम पीसीएमएम को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई। दूसरी टीम गोरखपुर में स्टोर डिपो की फाइलों को खंगालने लगी। स्टोर डिपो के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों को तलब कर पूछताछ की और फाइलों की जांच-पड़ताल की। पीसीएमएम दफ्तर की फाइलों की पड़ताल कर दोपहर बाद दूसरी टीम भी लखनऊ के लिए रवाना हो गई।
चार अधिकारी भी निशाने पर
जानकारों का कहना है कि पीसीएमएम कार्यालय के संबंधित चार अधिकारियों पर भी सीबीआर्ई जांच की गाज गिर सकती है। पीसीएमएम ने पूछताछ में चार और अधिकारियों का जिक्र किया है। संभावना जताई जा रही है कि रिमांड पर लेने पर उनके नाम का भी पर्दाफाश हो जाए। जानकार बताते हैं कि रिश्वत की रकम अन्य अधिकारियों के हिस्से भी जाती रही है। हर कार्य के लिए कमीशन निर्धारित है, जो नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों तक बंधा है। एनई रेलवे में स्टेशनरी से लगाकर दवाइयां, उपकरण और पटरियों तक की खरीदारी प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक कार्यालय से होती है, जिसमें सर्वाधिक खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से ही होती है।
केस दर्ज कर गोरखपुर में डेरा
प्रणव त्रिपाठी की शिकायत पर सीबीआर्ई ने नौ सितंबर को मुकदमा दर्ज कर गोरखपुर में डेरा डाल दिया था। जाल बिछाने और घेराबंदी के बाद अवसर मिलते ही सीबीआर्ई ने पीसीएमएम को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। जानकारों का कहना है कि सीबीआर्ई ने मुकदमा दर्ज करने से पहले ही पीसीएमएम, उनके बंगले और कार्यालय को ट्रैप कर लिया था। रेकी कर उनकी गतिविधियों और मिलने-जुलने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों तथा गतिविधियों की पड़ताल कर ली थी। लगाए गए आरोप को लेकर पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की तैयारी शुरू की। सीबीआर्ई ने पहले ठेकेदार बनकर पीसीएमएम से मुलाकात की थी। उन्हें भनक तक नहीं लगी और उसकी संदिग्ध गतिविधियों से सीबीआर्ई परिचित हो गई। इसके बाद टीम की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर पीसीएमएम की गिरफ्तारी का प्लान बना लिया।