- आरपीएफ पोस्ट पर तैनात दो आरपीएफ कांस्टेबल के बीच रुपयों की हेराफेरी का आरोप
- मामले की तह में जाने के लिए आरपीएफ प्रभारी कर रहे हैं जांच पड़ताल
GORAKHPUR:
आरपीएफ पोस्ट पर तैनात दो कांस्टेबल के बीच 'अभियुक्त जमा तलाशी' के रुपए के हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है। रोजनामचा ड्यूटी पर लगाए जाने वाले दोनों आरपीएफ कांस्टेबल एक दूसरे पर हेराफेरी आरोप मढ़ रहे हैं, हालांकि इस मामले में सीनियर कमांडेंट के आदेश पर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी मामले की जांच कर रहे हैं।
और कर दिया गया ओवर राइट
दरअसल, थर्सडे की सुबह 8.00 बजे आरपीएफ पोस्ट पर दो कांस्टेबल के बीच जमकर बवाल हुआ। मार्निग शिफ्ट में आरपीएफ कांस्टेबल बलराम यादव रोजनामचा ड्यूटी की शिफ्ट कर घर के लिए जा रहे थे। जब सुबह 8.00 बजे ड्यूटी समाप्त हुई तो आरपीएफ कांस्टेबल कंचन मिश्रा की ड्यूटी की शिफ्ट शुरू हुई। इसी बीच रिकार्ड बुक में चढ़े 29,330 रुपए को ओवर राइट कर उसे किसी ने 2933 रुपए कर दिया। इस मामले में को लेकर कंचन मिश्रा ने बवाल खड़ा कर दिया। वहीं रिकार्ड बुक में कांस्टेबल बलराम यादव द्वारा जब यह पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एमाउंट 2933 रुपए नहीं बल्कि 29,330 रुपए चढ़ाए गए थे। जबकि मेरे द्वारा एमाउंट में कोई ओवर राइट भी नहीं किया गया। इस बात को लेकर काफी देर तक आरपीएफ पोस्ट पर हंगामा हुआ।
रेलवे हास्पिटल से पहुंची मेडिकल कॉलेज
करीब एक घंटे तक चले इस हंगामा के दौरान ही कंचन मिश्रा बेहोश हो गई। उसके बाद आरपीएफ प्रभारी द्वारा उसे एलएन रेलवे हास्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां उसका काफी देर तक इलाज चलता रहा। लेकिन डाक्टरी परीक्षण में भी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि आखिरकार बेहोशी के हालत में गिरी कंचन मिश्रा को बीमारी क्या है। काफी देर तक यह ड्रामा हास्पिटल में चलता रहा। रेलवे डाक्टर की माने तो पीडि़त महिला कांस्टेबल के होश आने पर उसने आरपीएफ प्रभारी को बयान देने से भी मना कर दिया। बाद में महिला कांस्टेबल के पिता जबरदस्ती मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर करा ले गए।
पिता ने लगाया आरोप
उधर, पीडि़त कंचन मिश्रा के पिता जगदम्बा मिश्रा ने बताया कि उनके पास किसी का फोन आया कि उनकी बेटी मुसीबत है। आईपीएफ गोरखपुर के पोस्ट प्रभारी नरेंद्र कुमार और अन्य चार लोगों द्वारा मेरी बेटी को डरा डमका कर उसे जबरदस्ती सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाया जा रहा था। मेरे पूछे जाने पर मामला क्या है तो मुझे भी गाली-गौलज के साथ बाहर निकाल दिया गया। पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने बताया कि बलिराम यादव 2933 रुपए का हस्ताक्षर करवाया था। जबकि बलिराम यादव के मुताबिक 29,033 रुपए रिसीव कराया था।
वर्जन
इस मामले की जांच पड़ताल जारी है। दोनों कांस्टेबल के बयान भी लिए जा रहे हैं। इस मामले में ठोस कार्रवाई की जाएगी।
नरेंद्र कुमार, प्रभारी आरपीएफ पोस्ट गोरखपुर