गोरखपुर (ब्यूरो)। शहर को ट्रैफिक मुक्त बनाने के लिए दस माह बाद भी जोन और रूटों का निर्धारण नहीं हो सका। नतीजा यह है कि परमिट किसी रूट का है और ई-रिक्शा सवारी कहीं और भर रहे हैं।
1 दिसंबर को हुई थी मीटिंग
बता दें, एक दिसंबर 2022 को आरटीए की बैठक में आरटीओ की ओर से हर जोन में अलग-अलग रंग के ई-रिक्शा चलाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन यह स्कीम आज भी फाइलों में है। 10 माह बीत जाने के बाद भी जोन और रूटों की व्यवस्था परवान नहीं चढ़ सकी।
जोन तक नहीं
नई व्यवस्था के मुताबिक जोन का निर्धारण कर तय किया गया था कि ई-रिक्शा का संचालन उसी रूट पर होगा, जहां का परमिट होगा। इतना ही नहीं हर रूट पर बढ़ रहे ई-रिक्शा की संख्या को देख शासन ने ई-रिक्शा को प्रमुख रूट से हटाकर विशेष जोन बनाने के निर्देश दिया था। इसके लिए आरटीओ ने तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन आज तक इस पर अमल नहीं किया जा सका। आरटीओ की फाइलों में जोन और रूट निर्धारण का प्लान बंद है।
यहां लगता है जाम
जिले की प्रमुख सड़कों पर चल रहे 8500 ई-रिक्शा मनमाने तरीके से फर्राटा भर रहे हैं। इनके लिए न तो रूट का कोई मतलब है और न ही अफसरों की चेतावनी का कोई डर। इसके चलते आए दिन रोड पर जाम की स्थिति रहती है। ई-रिक्शा ड्राइवर सबसे अधिक अव्यवस्था रेती, गोलघर, बेतियाहाता, रुस्तमपुर, मोहद्दीपुर, गोरखनाथ, बरगदवा, मेडिकल रोड, पादरी बाजार और ट्रांसपोर्टनगर में फैला रहे हैं। ये कहीं भी गाड़ी मोड़ देते हैं और कहीं भी रोककर सवारी उतारते-चढ़ाते हैं।
ये तय किए गए थे रूट
- बरगदवा से रेलवे स्टेशन वाया गोरखनाथ धर्मशाला।
- मेडिकल कॉलेज-रेलवे स्टेशन वाया असुरन।
- कचहरी वाया प्रेमचंद पार्क-शास्त्री चौक।
- इंजीनियरिंग कॉलेज-रेलवे स्टेशन वाया मोहद्दीपुर।
- एयरफोर्स रेलवे स्टेशन वाया आरकेबीके-चारफाटक मोहद्दीपुर।
- रुस्तमपुर पुलिस चौकी मोहद्दीपुर।
- इलाहीबाग घासीकटरा बकशीपुर टाउनहाल-कचहरी
- खजांची चौराहा-एचएन सिंह चौराहा-धर्मपुर तिराहा-गीता वाटिका असुरन पुलिस चौकी।
- डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन तिवारीपुर-बेनीगंज चौराहा, जाफरा बाजार चौराहा, बैंक रोड, विजय चौराहा, गोलघर।
- इंजीनियरिंग कॉलेज से कचहरी वाया पैडलेगंज।
- नंदानगर से रेलवे स्टेशन वाया मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, पैडलेगंज।
- पादरी बाजार से रेलवे स्टेशन वाया चारफाटक।
- पादरी बाजार से कचहरी वाया मोहद्दीपुर।
- फातिमा हॉस्पिटल से कचहरी वाया रेलवे स्टेशन।
- फर्टिलाइजर से रेलवे स्टेशन वाया बरगदवा।
- फर्टिलाइजर से कचहरी वाया मेडिकल कॉलेज।
- देवरिया बाईपास से कचहरी वाया सहारा एस्टेट।
नए सिरे से प्लान तैयार किया जा रहा है। आरटीए की बैठक में एक बार फिर चर्चा की जाएगी। बैठक में जोन और रूट का निर्णय लिया जाएगा, ताकि शहर को जान से मुक्ति दिलाई जा सके।
अरुण कुमार, एआरटीओ प्रशासन