- सिटी के विभिन्न चौराहों पर लगे ठेले पर जूस के रूप में बिक रहा रोटा वाइरस
- रोटा वाइरस पीने से डायरिया, उल्टी व दस्त जैसी गंभीर बीमारियों खतरा
GORAKHPUR: अगर आप अपनी सेहत के प्रति सजग हैं और किसी चौराहे पर लगे ठेले पर जूस पीने के इच्छुक हैं तो सावधान हो जाएं। बता दें कि आप जूस नहीं बल्कि 'रोटा वाइरस' पीने जा रहे हैं। यह 'रोटा वाइरस' न सिर्फ गन्ने के जूस में पाया जाता है बल्कि खुले में बिकने वाले हर एक जूस होता है। इसके पीने से न सिर्फ डायरिया, हैजा जैसी गंभीर बीमारियां होती है। ये बीमारियां मौत का सबब तक बन सकती हैं।
सेहत बनाती है बिगाड़ता है जूस
इन दिनों सिटी के विभिन्न चौराहों पर जूस के ठेले दिख जाएंगे। इन ठेलों पर बिकने वाले जूस से ज्यादातर लोग अपनी सेहत बनाते हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है वैसे वैसे लोगों मेंजूस की तलब उठती है, लेकिन यह जूस इतने हाइजिनिक तरीके से तैयार किये जाते हैं कि यह सेहत बिगाड़ सकते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण है डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आने वाले सैकेड़ों मरीज। संक्रमण विभाग में जनवरी ख्0क्भ् से लेकर अब तक ख्00 से ज्यादा पेट से संबंधित मरीज आ चुके हैं। इन मरीजों को पेट के इंस्पेक्शन ने अपनी चपेट में ले लिया है। इस संक्रमित बीमारी के पीछे की हकीकत को जब आइ नेक्स्ट ने जाना तो 'रोटा' नाम का वायरस निकला।
क्या है रोटा वाइरस?
डीडीयू जूलोजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। रविकांत उपाध्याय बताते हैं रोटा एक ऐसा वाइरस है जिससे संक्रमित बीमारियां होती हैं। इस वायरस से डायरिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है। यह सबसे ज्यादा शिशुओं और बच्चों में होता है। इसका प्रभाव तीन वर्ष तक के बच्चों में बड़ी ही तेजी के साथ होता है। रोटा वाइरस डायरिया के अतिरिक्त तेज बुखार, उल्टी व दस्त पैदा करता है और बड़े ही तेजी से डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम होती है। चूंकि इसका आकार व्हील के समान होता है इसलिए इसे रोटा वायरस कहा जाता है।
बड़े ही तेजी से फैलता है वाइरस
रोटा वाइरस बच्चों में बड़े ही तेजी के साथ फैलता है। गंदे हाथों से खाद्य पदार्थो का उपयोग करने से इसका संक्रमण बड़ी ही तेजी से फैलता है। इसका संक्रमण सांसों से भी होता है। कुछ कीट जैसे मक्खियां गंदे स्थानों पर बैठती हैं। उसके बाद से यह वाइरस खुले में प्रयोग हो रहे खाद्य पदार्थो मुख्यत गन्ने के जूस, आम के जूस, गाजर व चुकंदर के जूस आदि द्वारा मनुष्य व बच्चों में पहुंच जाता है।
हो सकती है मौत
इस वायरस के पांच से दस छोटे पार्टिकल्स ही विभाजन एवं विखंडन द्वारा बड़े ही तेजी से बढ़ते हैं और बच्चों में रोटा वाइरस गैस्ट्रो एंट्रीटिस, उल्टियां, जलीय डायरिया और बुखार पैदा कर देता है। शरीर में बड़े ही तेजी से पानी की कमी होने लगती है। इसके साथ ही साथ इलेक्ट्रोलाइट्स के प्लाज्मा में कमी होने जाने से मरीज की मौत हो जाती है।
इसके लक्षण-
- बहुत तेज प्यास लगना
- मुंह और गला सुखना
- खड़ा न हो पाना
- यूरीन में रुकावट
कैसे करें बचाव
- बाहरी खाद्य पदार्थ को एवॉयड करें।
- संक्रमण होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
- उसके बाद डायग्नोसिस कराए।