-रोडवेज बस से होने वाले एक्सिडेंट्स में ड्राइवर्स को मिलती है हल्की फुल्की सजा

- डिपार्टमेंट कार्रवाई के नाम पर करता है सिर्फ कोरम पूरा

-ट्यूज्डे को टूरिस्ट व्हीकल और रोडवेज बस के बीच हुई थी जबरदस्त टक्कर, कई हुए थे घायल

GORAKHPUR : ट्यूज्डे को टूरिस्ट व्हीकल और रोडवेज बस के बीच हुए एक्सिडेंट ने एक बार फिर इस मुद्दे को हॉट टॉपिक बना दिया है। रोडवेज डिपार्टमेंट के अधिकारियों की जरा सी ढिलाई आए दिन पैसेंजर्स की मौत का सबब बन रही है, उसके बाद भी डिपार्टमेंट कार्रवाई के नाम पर हल्की-फुल्की सजा देकर अपना कोरम पूरा कर रहा है। अब इसमें सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर विभाग ऐसे मामलों में सख्त कदम नहीं उठाएगा और जब लापरवाह ड्राइवर्स में कार्रवाई का डर नहीं रहेगा तो आए दिन ऐसी घटनाएं होंगी। वहीं पैसेंजर्स भी सबकुछ जानकर भी अंजान बने रहते हैं और बाद में दुर्घटना का शिकार होते हैं।

करते हैं कोरम पूरा

रोडवेज बसेज में ड्राइवर्स की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है, ऐसे पिछली कुछ घटनाओं में सामने आया है, मगर अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या जान लेने वालों के मामले में छोटी मोटी कार्रवाई करना, सिर्फ उन्हें सस्पेंड कर देना या फिर उनका ट्रांसफर कर देना ही काफी है। वह भी तब जब उन्होंने रोडवेज के नियमों की धज्जियां उड़ाई हों। मगर विभाग इस बात को नजर अंदाज कर अपना कोरम पूरा कर लेता रहा है, जिससे इनके हौसले और भी बुलंद होते जा रहे हैं। जान से खेलने के बाद उन्हें महज हल्की-फुल्की सजा देकर छोड़ दिया जाता है।

ट्यूज्डे को हुआ था हादसा

कैंपियरगंज एरिया में जंगल ट्रीट के पास ट्यूज्डे को टूरिस्ट व्हीकल को रोडवेज बस ने टक्कर मार दी। इससे टूरिस्ट व्हीकल के परखच्चे उड़ गए और उसमें बैठे टूरिस्ट बुरी तरह से घायल हो गए। प्रथम दृष्टया इस मामले में तो रोडवेज बस ड्राइवर की लापरवाही सामने आई है, जिसकी वजह से एक्सिडेंट हुआ, मगर विभागीय अधिकारी इस बात का नकार रहे हैं।

कोई नहीं करता कंप्लेन

इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यहां से ड्राइवर्स को भेजते वक्त यह टेस्ट किया जाता है कि वह ड्रंक हैं या नहीं। वहीं उन्हें यह भी हिदायत दी जाती है कि गाड़ी चलाते वक्त किसी भी हालत में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना है। ड्राइवर्स अगर ऐसा करते हैं और अगर कोई इसकी कंप्लेन करे तो विभाग निश्चित तौर पर ऐसे ड्राइवर्स पर कार्रवाई करेगा, मगर ऐसे मामलों में पब्लिक कंप्लेन ही नहीं करती है। अगर किसी पैसेंजर्स को ऐसा मिले तो वह विभाग के हेल्पलाइन नंबर क्800क्80ख्877 और वाट्सएप नंबर 9ब्क्भ्0ब्9म्0म् के साथ द्धद्गद्यश्चद्यद्बठ्ठद्ग@ह्वश्चह्यह्मह्लष्.ष्श्रद्व पर कंप्लेन कर सकते हैं।

गाय को बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने गाड़ी दूसरी ओर मोड़ दी, जिसकी वजह से बस दूसरी ओर से आ रही टूरिस्ट व्हीकल से जा टकराई। हालांकि ड्राइवर्स को टेस्ट के बाद ही गाड़ी चलाने की इजाजत दी जाती है। मगर अगर इसके बाद भी कोई ड्राइवर रास्ते में ड्रिंक करता है और इसकी शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।

महेश चंद्र श्रीवास्तव, एआरएम, रोडवेज

केस - क्

गिरधरगंज चौराहे पर बस ड्राइवर ने बाइक सवार फैमिली को टक्कर मार दी। इसमें महिला की मौत हो गई थी। इस मामले में ड्राइवर मोबाइल से बात करते पाया गया था, जिसके बाद उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

केस - ख्

मानीराम में परिवहन निगम गोरखपुर डिपो की बस में ड्राइवर स्टेयरिंग को बांध कर गाड़ी चला रहा था, जिसकी वजह से बड़ा हादसा हुआ और इसमें क्9 पैसेंजर्स की मौत हो गई थी। इस मामले में ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया गया था।

केस - फ्

रेल म्यूजियम के सामने एक बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई थी। इस मामले में ड्रंक ड्राइविंग की बात सामने आई थी, इस मामले में भी विभाग ने ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया था।