- पिपराइच, करीम नगर, हड़हवा फाटक, चिलमापुर जैसे आधा दर्जन रोड के लिए सैकड़ों बार हो चुका है संघर्ष
- हर बार अफसर देते हैं आश्वासन फिर भी नहीं बन रही रोड
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : आश्वासन देकर जनता को कैसे घुट्टी पिलाई जाती है, ये सीखने के लिए गोरखपुर प्रशासन की मदद ली जा सकती है। पब्लिक रोड बनाने के लिए प्रदर्शन करती है तो आश्वासन देकर प्रशासन कुछ दिनों के लिए शांति कायम कर लेता है। दर्जनों बार प्रदर्शन के बाद भी रोड नहीं बनती। गोरखपुर महानगर में आधा दर्जन से अधिक रोड ऐसी हैं, जिनको बनाने के लिए पब्लिक और संगठन हर माह प्रदर्शन करते है, लेकिन प्रशासन नहीं सुनता।
धरना प्रदर्शन सब बेकार
पिपराइच रोड पूरी तरह से टूट गई है। रोड पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं जिसमें डेली लोग गिर कर घायल हो रहे हैं। इस रोड को बनवाने के लिए चार बार हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उसके बाद भी जब रोड नहीं बनी तो पिछले दिनों पादरी बाजार पुलिस चौकी पर चक्काजाम कर दिया। उस समय वार्ता करने पहुंचे पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता ने आश्वासन दिया था कि दो दिन के अंदर रोड का निर्माण शुरू हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उसके बाद हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता पादरी बाजार में धरने पर भी बैठ गए, फिर दो दिन में रोड बनने का आश्वासन मिला। उसके बाद भी रोड नहीं बनी तो कार्यकर्ताओं ने डीएम ऑफिस का घेराव किया तो डीएम साहब से फिर आश्वासन मिला, लेकिन अभी तक काम नहीं शुरू हुआ। पिपराइच, कप्तानगंज एरिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु खिचड़ी मेला में आने वाले हैं, ऐसे में प्रॉब्लम होनी तय है।
लापरवाही से हाल बेहाल
सिटी में कई ऐसी सड़कें हैं, जिनको लेकर हर माह नगर निगम या डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन होता है पर नगर निगम पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। हड़हवा फाटक से तरंग क्रासिंग तक की पूरी रोड टूट चुकी है। कई जगह रोड पर दो से तीन फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं। कुछ जगहों पर नगर निगम ने खुद ही मेन रोड पर खड़ंजा निर्माण करके चलने लायक बनाया है। इस रोड के निर्माण के लिए भाजपा और हियुवा 10 बार से अधिक चक्काजाम कर चुके हैं, लेकिन नगर निगम रोड बनाने का नाम नहीं ले रहा है। सबसे बुरा हाल चिलमापुर का है, चिलमापुर रोड पिछले दो साल से टूटी हुई पड़ी है। पब्लिक प्रदर्शन करती है तो केवल आश्वासन देकर छोड़ देते है, रोड बनाने का नाम नहीं लेते।