गोरखपुर (ब्यूरो)। सूरजकुंड से लेकर गोपलापुर, दाउदपुर एरिया डूब गया। कई मोहल्लों में बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला, जिसके बाद लोगों उसी गंदे पानी में होकर बाहर आना पड़ा।
अप्रैल से चल रहा था अभियान
शहर की सरकार से लेकर प्रदेश की सरकार तक का शहर को डूबने से बचाने के लिए अप्रैल से अभियान चला। तीन फेज में नालों की साफ-सफाई का अभियान शुरू कर चुकी थी, लेकिन बारिश के पानी ने सूरजकुंड मोहल्ले को ऐसा डुबोया कि स्कूल तक को बंद करना पड़ गया। बारिश ने शहर की सरकार की सारी पोल खोलकर रख दी। सोशल मीडिया पर जलभराव की जगह-जगह से तस्वीरें और वीडियोज आए, जिससे नगर निगम के सारे दावे हवा हवाई होते हुए नजर आए।
2018 से ही हो रही है जलभराव की शिकायत
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जलभराव के लिए पहुंची तो हैरान करने वाली तस्वीरें आईं। टीम जब सूरजकुंड बी ब्लॉक के पास पहुंची तो मौके पर प्रसून शुक्ला ने बताया कि हर साल बारिश होने के बाद मोहल्ले में जलभराव हो जाता है, इस कारण यहां का सबसे बड़ा स्कूल सरस्वती बालिका विद्यालय बंद कर दिया जाता है। इसकी शिकायत भी 2018 में की गई थी। लेकिन स्थिति जस की तस बनी रहती है। शिकायत के बाद तत्कालीन नगर आयुक्त अविनाश कुमार सिंह ने समस्या के समाधान का भरोसा भी दिया था, लेकिन जल निकासी नहीं हो सका है। वहीं सरस्वती बालिका विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ। सरोज तिवारी ने बताया कि स्कूल बंद करने के पीछे मुख्य वजह यही रहा कि बारिश की वजह से जलभराव सड़क पर हो गया। जल निकासी नहीं हो सकी। नगर निगम की टीम पंपिंग मशीन लगाकर जलनिकासी से राहत दिलाने के लिए जूझते रहे।
घुटने भर लगा रहा पानी
टीम जब सूरजकुंड से निकलकर वार्ड नंबर 56 रघुपति सहायक फिराक नगर दाउदपुर गोपालपुर रोड निकट शिव मंदिर के पास पहुंची तो वहां घुटने भर पानी लगा हुआ दिखाई दिया। जलभराव के कारण मोहल्ले के लोग अपने-अपने घरों में कैद दिखे। कोई छत से ही जलभराव की वीडियो बना रहा था, तो कोई फोटो बनाकर उसे कंप्लेंट करने के लिए बता रहा था। वहीं इस मामले की शिकायत मनीष ओझा ने मेयर से लिखित शिकायत दर्ज कराई कि बरसात के कारण जलभराव होने से लोगों के घरों में पानी घुस गया है। मोहल्ले के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जल निकासी कराई जाए ताकि घर में पानी न जा सके। इसके अलावा आजाद नगर बिछिया में जलभराव के कारण मोहल्ले के लोगों को काफी दिक्कत हुई, हालांकि कुछ देर बाद जल निकासी खुद से हो गई, लेकिन सड़क खराब होने से मोहल्ले के लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा।
फैक्ट फीगर .
सिटी में बड़े नाले की संख्या - 13
मझोले नाले की संख्या - 117
छोटे नाले की संख्या - 127
नालों की कुल लंबाई - 2,58,829
कुल वार्ड की संख्या - 80
जलनिकासी में लगाए गए कर्मचारियों की संख्या - 500
छोटी पोकलेन मशीन - 10
बड़ी पोकलेन मशीन - 06
सुपर पोकलेन मशीन - 3
पंपिंग मशीन - 148
नगर निगम में आए महज दो कंप्लेंट
- नरसिंह सिंह यादव ने बताया कि वह शिवाजीनगर के निवासी हैं। उनके मोहल्ले में जलभराव से आवागमन बाधित है। इस समस्या से निजात दिलाएं।
- करीम ने बताया कि वह रसूलपुर के निवासी हैैं, उनके नूर मस्जिद के पास जलभराव था, इसको लेकर वह शिकायत दर्ज कराए।
सूरजकुंड गोरखनाथ से महज कुछ ही दूरी पर है। सारे अधिकारी इधर आते रहते हैैं। जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़े-बड़़े दावे भी करते हैैं, लेकिन बरसात ने सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है।
रवि अमृत
नगर आयुक्त हो या फिर मेयर सभी लोग आते हैैं, निरीक्षण करते हैैं, लेकिन जलभराव की समस्या से निजात दिलाने में सहायक साबित नहीं हुए। जबकि कई मोहल्ले की तरफ से शिकायत कई बार की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
गोविंद
सूरजकुंड इलाके में जलभराव के कारण सरस्वती विद्या मंदिर बालिका विद्यालय बंद कर दिया गया। वैसे ही भी सामान्य दिनों मेें स्कूल खुलने पर बच्चों के ड्रेस खराब हो जाते हैैं, सड़क पर पानी लगने की वजह से आने जाने में दिक्कत होती है।
प्रियम
सूरजकुंड का बी ब्लॉक में रहने वाले मोहल्ले के लोगों का बुरा हाल है। घरों में पानी घूस जाने से और दिक्कत बढ़ गई है। जबकि जल निकासी की प्रॉपर व्यवस्था होनी चाहिए।
रवि कुमार
सिटी के जिन इलाकों में जल भराव हैैं, वहां से जलनिकासी के लिए पंपिंग सेट लगाए गए हैैं। कर्मचारियों की स्पेशली तैनाती की गई है। मैैं स्वयं लगातार मॉनीटरिंग कर रहा हूं। जहां से भी शिकायत आ रही हैैं। उसे प्राथमिकता के आधार पर जलनिकासी करवाया जा रहा है।
- गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त