- 15 जुलाई से रिजर्वेशन सिस्टम में होगा चेंज

- हायर क्लास में रिजर्वेशन न कंफर्म होने पर लोअर क्लास में मिल जाएगी सीट

GORAKHPUR : सीरियस प्रॉब्लम हो या फिर जरूरी काम, कहीं भी जाने के लिए इन दिनों टिकट मिलना काफी टेढ़ी खीर है। डेस्टिनेशन पर पहुंचने के लिए लोग दलालों को स्लीपर क्लास के लिए भी हजारों रुपए देने तक के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसे पैसेंजर्स को अब ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। अगर उन्होंने हायर क्लास का टिकट ले रखा है और वह कंफर्म नहीं होता है, तो ऐसी कंडीशन में रेलवे ने उनके लिए सोचना शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्हें थोड़ा सैक्रिफाइज करने पर निचले दर्जे में कंफर्म सीट मिल जाएगी और उनका सफर आसानी के साथ कट जाएगा। रेलवे की यह व्यवस्था 15 जुलाई से लागू होगी।

किराया या डिफरेंस नहीं होगा वापस

रेलवे के नए रूल के मुताबिक पैसेंजर्स को निचले दर्जे में कंफर्म सीट पर सफर करने को तो मिल जाएगा, लेकिन इसके बदले न तो उनका किराया ही वापस होगा और न ही उनका कोई डिफरेंस वापस होगा। रेलवे ने यह नया रूल खासतौर पर उन पैसेंजर्स को ध्यान में रखकर बनाया है, जिनके लिए सिर्फ सफर की अहमियत होती है, वह किस क्लास में है या किस ट्रेन में है, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यह फैसिलिटी एसी कोचेज में रिजर्वेशन कराने वाले पैसेंजर्स को ही मिलेगी और उन्हें बगैर किसी लेन-देन के निचले दर्जे में सफर करने का मौका मिलेगा।

फॉर्म पर डाउनग्रेड का होगा ऑप्शन

पैसेंजर्स को 15 जुलाई से रिजर्वेशन फॉर्म और इंटरनेट के थ्रू टिकट बुक करते वक्त एक ऑप्शन मिलेगा। पैसेंजर्स को इस पर टिक करना है। उसके बाद अगर उसको उस पर्टिकुलर क्लास में उसका टिकट कंफर्म नहीं होता है, तो इस कंडीशन में डाउनग्रेड कर उन्हें निचले दर्जे में कंफर्म सीट दे दी जाएगी। एग्जांपल के तौर पर अगर किसी ने फ‌र्स्ट एसी का टिकट लिया है, तो सीट कंफर्म न होने की कंडीशन में उसे सेकेंड एसी, सेकेंड एसी वाले को थर्ड एसी और थर्ड एसी वाले पैसेंजर्स को स्लीपर कोच में बर्थ के लिए ऑप्शन मिलेगा। इसका एक ड्रा बैक यह है कि सेकेंड एसी वाले पैसेंजर्स को भी स्लीपर क्लास में सीट मिल सकती है। इसके लिए रेलवे न तो किसी तरह का फेयर एडजेस्ट करने के लिए बाध्य होगा और न ही किराया वापस करने के लिए। बस वह पैसेंजर्स को एक सीट अवेलबल करा देगा।

15 जुलाई से मिलेगी सुविधा

लोअर क्लास में शुरू होने वाली इस फैसिलिटी की शुरुआत 15 जुलाई से हो जाएगी। प्राइमरी लेवल पर यह फैसिलिटी इंडियन रेलवे की 100 ट्रेंस में शुरू की जाएंगी। इसमें नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे की कुछ ट्रेंस शामिल की जाएंगी। सोर्सेज की मानें तो बाद में इसका दायरा और बढ़ाया जाएगा। एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर रेलवे ने रीवांचल एक्सप्रेस में इस फैसिलिटी की शुरुआत की गई है। इसमें लोअर कैटगरी की सीट का ऑप्शन नहीं भरने पर पैसेंजर्स के वेटिंग टिकट के कैंसिलेशन के चांसेज पहले जैसे रहेंगे। इसके साथ ही ऑटो अपग्रेडेशन सिस्टम पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा और पैसेंजर्स को अपग्रेड और डाउनग्रेड दोनों ही ऑप्शन मिलेंगे, जो सीट खाली रहने की कंडीशन में वर्क करेंगे।

इस संबंध में अभी हमें कोई निर्देश नहीं मिला है और न ही कोई लेटर आया है। लेटर आने के बाद ही कुछ बता सकते हैं।

- आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे