- डीडीयूजीयू के गौतम बुद्ध हॉस्टल में रहने वाले रिसर्च स्कालर्स को नहीं मिलता है भोजन

- मेस सुविधा की बहाली के लिए रिसर्च स्कालर्स ने वार्डेन से कई बार कर चुके हैं डिमांड

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू गौतम बुद्ध रिसर्च स्कालर्स को पिछले आठ साल से मेस का भोजन नसीब नहीं हुआ है। उन्हें अपनी जेब से पेट भरना पड़ता है। हालांकि कई बार रिसर्च स्कालर्स वार्डेन और यूनिवर्सिटी प्रशासन से डिमांड कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार अभी इस व्यवस्था को संचालित करने में असमर्थ हैं।

2008 में बंद हुआ था मेस

डीडीयूजीयू के गौतम बुद्ध रिसर्च हॉस्टल में कुल 93 कमरे हैं। हॉस्टलर्स की माने तो सन 2008 के बाद से मेस बंद है। इस कारण से उन्हें बाहर होटल में खाना पड़ता है। कुछ स्टूडेंट्स घर से राशन लेकर आते हैं। हॉस्टलर्स की माने तो कई बार मेस चलाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन वार्डेन इस समस्या के समाधान के बजाय टालमटोल करते हुए निकल जाते हैं। रिसर्च स्कालर्स बताते हैं कि तत्कालीन वार्डेन प्रो। ईश्वर शरण विश्वकर्मा से मेस चालू कराने की कई बार डिमांड की गई, लेकिन वह कभी मेस चालू कराने के पक्ष में नहीं दिखे।

अब तो नए वार्डेन से है उम्मीद

रिसर्च स्कालर्स बताते हैं उन्हें अब नए वार्डेन प्रो। रविशंकर सिंह से उम्मीद है कि वे मेस व्यवस्था को फिर बहाल कराएंगे। इसके लिए रिसर्च स्कालर्स ने वार्डेन से डिमांड कर भी चुके हैं। उधर, वार्डेन प्रो। रविशंकर सिंह ने रिसर्च स्कालर्स को आश्वासन दिया है कि वे हॉस्टल के मेस को फिर से चालू कराएंगे।

क्यों बंद हुआ था मेस

गौतम बुद्ध रिसर्च हॉस्टल से जुड़े कर्मचारियों की माने तो मेस को संचालित कराने के लिए निजी फर्म को जिम्मेदारी दी जाती थी, निजी फर्म के सही ढंग से काम न करने और बार-बार रिसर्च स्कालर्स द्वारा इस बात की शिकायत की गई कि बेहतर भोजन नहीं मिल रहा है। ऐसे में शिकायत को गंभीरता से लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बंद करने का फैसला किया।

वर्जन

हॉस्टलर्स को मेस की सुविधा मुहैया कराने के लिए कवायद चल रही है। इसके लिए वार्डेन से डिटेल्स ली गई है। जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू