- रिसर्च स्कालर्स ने मेन गेट पर डिग्री जलाकर किया विरोध
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : उच्च शिक्षकों की नियुक्ति की योग्यता से नेट-पीएचडी की अनिवार्यता की समीक्षा करने व वैकल्पिक नीति सुझाने के लिए गठित कमेटी के विरोध में डीडीयूजीयू के रिसर्च स्कालर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी मेन गेट पर अपनी डिग्री की फोटोकॉपी जलाकर सांकेतिक विरोध किया। नेट-पीएचडी धारकों ने कहा कि एचआरडी मिनिस्ट्री ने उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सुझाव देने के लिए 24 जुलाई को प्रो। अरूण निगवेकर की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एक कमेटी बनाई है। कमेटी का गठन शिक्षकों की नियुक्ति में एकेडमिक परफॉर्मेस इंडिकेटर की समीक्षा, नेट पीएचडी पर शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर सुझाव देने एवं संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर सुझाव देने के लिए किया गया है। कमेटी को 2 माह में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
लगातार होगा विरोध
प्रतियोगी नेट पीएचडी की अनिवार्यता की समीक्षा व वैकल्पिक नीति अपनाने का विरोध हम लगातार करते रहेंगे। विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए हितेश सिंह ने बताया कि जब यूजीसी स्वयं नेट को लेक्चररशिप की अर्हता मानती है तो इसकी समीक्षा के बहाने इसे हटाने की साजिश क्यों रची जा रही है। वहीं चंद्रभूषण तिवारी कहा कि लाखों नेट क्वालिफाइड बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ करना बेहद गलत होगा। विरोध प्रदर्शन में डॉ। मनोज कुमार, डॉ। ब्रजेश सिंह, डॉ। अजय कुमार, डॉ। अजय सिंह, डॉ। राजेश सिंह, डॉ। रेखा, डॉ। प्रतिमा, दिलीप कुमार, डॉ। अमित मिश्रा, डॉ। अभय मल्ल, डॉ। शिव प्रताप राय व डॉ। अखिलेश चौबे आदि रिसर्च स्कालर्स शामिल रहे।