गोरखपुर (ब्यूरो)। गर्मियों की तैयारी में इन दिनों वर्कशॉप में ट्रांसफॉर्मर्स की मरम्मत कर उन्हें स्टोर में सुरक्षित रखा जाता है। फॉल्ट या अन्य जरूरत पडऩे इनका इस्तेमाल होता। मरम्मत नहीं होने से ये ट्रांसफॉर्मर वर्कशाप में बेकार पड़े हैं। अभियंताओं ने बताय कि तेल कंपनी का भुगतान रुके होने की वजह से उन्होंने सप्लाई रोक दी है।
बिजली निगम के रेलवे स्टेशन के पास स्थित वर्कशॉप में 24 घंटे ट्रांसफॉर्मर की रिपेयरिंग (मरम्मत) का काम किया जाता है। गर्मी की तैयारियों में पहले से ही वर्कशॉप बड़ी संख्या में खराब ट्रांसफॉर्मर्स की मरम्मत कर उन्हें सुरक्षित रख लेता है। जरूरत पडऩे पर खराब ट्रांसफॉर्मर्स को इन्हीं से बदला जाता है। गोरखपुर जोन के ट्रांसफॉर्मर्स की मरम्मत के लिए प्रतिमाह 96 किलोलीटर तेल की जरूरत पड़ती है। अधिशासी अभियंता मुदित तिवारी ने बताया कि अभी तेल, स्टॉक में खत्म हो गया है। ऐसे में मरम्मत कार्य रुका हुआ है।
गिने चुने ही बचे ट्रांसफॉर्मर
ग्रामीण इलाकों के ट्रांसफॉर्मर तो अभी काफी संख्या में सुरक्षित रखे हैं,लेकिन बड़ी क्षमता के ट्रांसफार्मर जैसे, 100, 240, 40, 630 केवीए की क्षमता वाले ट्रांसफार्मर गिने चुने ही हैं। अगर समय से भुगतान नहीं हुआ और गर्मी या फाल्ट की वजह से शहरी क्षेत्र के ट्रांसफॉर्मर खराब हुए तो उन्हें बदलकर सही लगाने में दिक्कत होगी। गांव में 10, 25, 62 केवीए क्षमता के ट्रांसफॉर्मर्स की जरूरत होती है। बताया कि अभी सप्लाई बाधित होने की दिक्कत नहीं है, लेकिन गर्मी की तैयारी नहीं है। मार्च में अगर बिजली संकट हुआ तो परेशानी बढ़ सकती है। फिलहाल, वर्कशाप में 400 केवीए के 4 ट्रांसफार्मर, 250 केवीए के 5 और 630 केवीए के दो ट्रांसफॉर्मर रखे हैं।
आंकड़े
मरम्मत नहीं हो पाए ट्रांसफार्मर- 400
प्रतिमाह तेल की खपत- 96 किलोलीटर मतलब 96 हजार लीटर
एक लीटर तेल की कीमत- 49 रुपए