-आपदा प्रबंधन विभाग में ड्रग्स इंस्पेक्टर की देखरेख में दी जा रही है कोरोना के इलाज के लिए रेमेडिसिवर इंजेक्शन
GORAKHPUR: 'सर मेरी मां बहुत बीमार हैं। वह मर जाएंगी। डॉक्टर का पर्चा देखिए। रेमेडिसिविर इंजेक्शन लिखा है। भालोटिया से चक्कर लगाने के बाद आपके पास आए हैं। दो वॉयल चाहिए। प्लीज दे दीजिए.' आंख में आंसू लिए आपदा प्रबंधन कार्यालय पहुंची मंजू देवी का दर्द देख कचहरी में बैठे वकील भी पहुंच आए। दरअसल, कोविड के गंभीर मरीजों के इलाज में डाक्टर इन दिनों रेमेडिसिविर और फेबिफ्लू टैबलेट का इस्तेमाल खूब कर रहे हैं। मरीज के पर्चे पर सीधे इंजेक्शन लाने के लिए परिजनों को पर्चा पकड़ा रहे हैं। वहीं जैसे ही रेमेडिसिविर की 90-100 वॉयल की खेप गोरखपुर पहुंच रही है। उसे पाने के लिए एक हजार लोग लाइन में लगे रहे रहे हैं। आलम यह है कि आपदा प्रबंधन कार्यालय पर ड्रग्स इंस्पेक्टर और आपदा प्रबंधन के जिम्मेदार कोरोना की दवा बेचने पर मजबूर हो चुके हैं।
इंजेक्शन के आते ही खत्म
गौरतलब है कि रेमेडिसिविर इंजेक्शन के लिए चार स्टॉकिस्ट हैं जो इस इंजेक्शन मंगवा रहे हैं। इंजेक्शन पहुंचते ही ड्रग्स डिपार्टमेंट अपनी निगरानी में उसका वितरण करा रहा है। बुधवार को जहां भालोटिया मार्केट स्थित भारत मेडिकल एजेंसी के दुकान से खुद ड्रग इंस्पेक्टर ने रेमेडिसिवर का इंजेक्शन प्रत्येक जरूरतमंदों को पर्चा, पहचान पत्र देखने के बाद वितरित किया। वहीं दूसरे दिन कचहरी में स्थित आपदा प्रबंधन कार्यालय में रेमेडिसिविर के इंजेक्शन के वितरण को लेकर आपदा प्रबंधन की टीम के साथ मिलकर एक काउंटर इंजेक्शन के वितरण के लिए खोल दिया है। ताकि हर किसी को एक या दो वॉयल जरूरत के हिसाब से मिल सके।
लगा रहे हैं जुगाड़
सिप्ला कंपनी की आई रेमेडिसिविर इंजेक्शन की खेप दोपहर 3 बजे आपदा प्रबंधन कार्यालय पहुंची।
इसके बाद जाकर टोकन प्राप्त कर चुके लोगों को इंजेक्शन नसीब हो सका।
सुबह से आए लोग वकीलों के तख्ते पर बैठे अपने मरीज के इंजेक्शन के लिए हाथ में पर्चा लिए इंतजार करते हुए नजर आए।
कोई वकील साहब से गुहार लगा रहा था तो कोई चपरासी और होमगार्ड तक से हाथ पैर जोड़े खड़ा था।
किसी तरह बस एक वॉयल इंजेक्शन मिल जाए। लेकिन जो पहले आया था और टोकन प्राप्त किया था। उसे प्राथमिकता दी गई थी।
कोट्स
मेरे पापा फातिमा हॉस्पिटल में एडमिट हैं। डॉक्टर ने उन्हें रेमेडिसिविर इंजेक्शन लगाने को बोला है। सुबह 8 बजे से ही आपदा प्रबंधन कार्यालय पर खड़े हैं। टोकन भी ले चुके हैं, लेकिन अभी तक इंजेक्शन नहीं मिला।
-मणिंद्र श्रीवास्तव, परिजन
बाला नर्सिग में वाइफ एडमिट हैं। सुबह 6 बजे से ही आपदा प्रबंधन कार्यालय आ गया था। बहुत पूछताछ के बाद पता चला कि यहां ड्रग इंस्पेक्टर अपने हाथ से इंजेक्शन बांटेगे। लाइन में लगकर टोकन भी ले लिया। लेकिन इंजेक्शन नहीं मिला।
-दुर्गविजय सिंह, परिजन
मेरे पिता ऋद्धिमान हास्पिटल में एडमिट हैं। डॉक्टर ने पर्चा पर लिख दिया रेमेडिसिविर इंजेक्शन चाहिए। कई जगह पता करने के बाद भालोटिया में गया तो पता चला कि प्रशासन बांट रहा है। कई परिचितों से पूछने के बाद पता चला कि कलेक्ट्रेट स्थित आपदा प्रबंधन कार्यालय में इंजेक्शन मिल रहा है, टोकन ले लिया है, देखते हैं कब तक मिलता है।
-अभिषेक श्रीवास्तव, परिजन
वर्जन
रेमेडिसिविर इंजेक्शन को डाक्टर खूब लिख रहे हैं। इसलिए परिजनों की भीड़ भी खूब हो रही है। इंजेक्शन की भारी पैमाने पर शॉर्टेज हैं। हर जरूरतमंद को मिल सके। इसलिए इसे भालोटिया मार्केट से बंटवाने के बजाय आपदा प्रबंधन कार्यालय से बंटवाया जा रहा है।
-जय सिंह, ड्रग्स इंस्पेक्टर