- गांवों में पसरी है गंदगी, कहीं नजर नहीं आते कर्मचारी

- ग्राम प्रधान व ब्लॉक प्रशासन की मिलीभगत से आसानी से उठा रहे वेतन

URUVA BAZAR: उरुवा ब्लॉक क्षेत्र में कुल 245 सफाई कर्मी हैं। जिसमें 52 महिला व 193 पुरुष हैं। सफाईकर्मियों की इतनी बड़ी फौज के बाद भी गंदगी के बीच मच्छरों की मौज ही मौज है। जब क्षेत्र में एक भी सफाईकर्मी नहीं थे, तब और अब के हालात में लोगों को कोई विशेष अंतर नहीं दिख रहा। आरोप है कि ग्राम प्रधान और ब्लॉक के अधिकारियों की मिलीभगत से सफाईकर्मी बिना काम ही वेतन उठा रहे हैं।

सफाई के नाम लाखों खर्च

स्वच्छता बनाए रखने के लिए सरकार सफाई कर्मियों के वेतन पर लाखों रुपये खर्च कर रही है। इसके अलावा सफाई उपकरण व कीट नाशक दवाओं पर भी सरकारी धन व्यय हो रहा है। इसके बावजूद सफाई व्यवस्था खस्ताहाल है। गंदगी होने से ग्रामीण संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका से भयभीत हैं।

मॉनीटरिंग सही नहीं

सफाईकर्मियों की मॉनीटरिंग सही नहीं होने से वे लापरवाह होते जा रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है, जिसकी रिपोर्ट पर ही उनका वेतन मिलता है, लेकिन प्रधान गांव की साफ-सफाई के प्रति गंभीर नहीं। अधिकतर प्रधानों को खुश कर सफाईकर्मी अपना वेतन आसानी से निकाल ले रहे हैं। ब्लॉक अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत बताई जा रही है। यही कारण है कि ग्रामीणों की कई कंप्लेन के बाद भी सफाई कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

फॉगिंग की मांग

क्षेत्र में गंदगी तो पसरी ही है, फॉगिंग भी नहीं हो रही। फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। मौसम में कम होती नमी और बढ़ती उमस के चलते उरूवा बाजार कस्बे सहित आस-पास के गांवों में मच्छर बढ़ गए हैं। अब तो दिन में भी इनका आतंक जारी है। पिछले कई वर्षो से यहां फागिंग नहीं कराई गई है। लोगों ने फॉगिंग कराए जाने की मांग की है।

वर्जन

सफाई कर्मियों की उदासीनता की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। लापरवाह सफाई कर्मियों के खिलाफ मैंने डीपीआरओ गोरखपुर को रिपोर्ट भेजी है। शीघ्र ही निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

- जोखन पांडेय, एडीओ पंचायत, उरुवा