गोरखपुर (ब्यूरो)।इस मॉडल के जरिए गोरखपुर जंक्शन को पीएम को दिखाया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि कैसे स्टेशन यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए हाईटेक होगा। इसके लिए तैयारियां चल रही है।

मॉडल तैयार करने में जुटे रेलवे इंजीनियर

बता दें, 7 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी गोरखपुर आ रहे हैैं। रेलवे स्टेशन पर जहां वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। वहीं गोरखपुर जंक्शन को दो साल के अंदर यानी कि 2025 में हाईटेक करने का टारगेट भी तय कर दिया है। स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य स्टेशन को सिटी सेेंटर के रूप में विकसित करना और नगर के दोनों हिस्सों को आपस में जोडऩे का काम, यह सारी चीजें एक खास मॉडल के जरिए उन्हें दिखाया जाएगा। मॉडल तैयार करने में इंजीनियर लगाए गए हैैं।

स्थानीय उत्पाद को देंगे बढ़ावा

मॉडल के माध्यम से ही दिखाने का प्रयास होगा कि दोनों स्टेशनों के विकसित हो जाने के बाद स्टेशनों पर रूफ प्लाजा होने के साथ ही फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह के साथ ही स्थानीय उत्पाद के लिए क्या सुविधाए दी जाएंगी। यातायात की व्यवस्था की कैसे प्लानिंग की जा रही है। इसकी ब्रीफिंग होगी। स्टेशन के विकसित हो जाने के बाद मेट्रो सेवा, सिटी बस और अन्य ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा सीधे जंक्शन से जुड़ी बातें भी बताई जाएंगी। स्टेशन पुनर्निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग की तकनीकी व दिव्यांग फ्रेंडली सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। ये स्टेशन इंटेलीजेंट बिल्डिंग की अवधारणा पर विकसित किए जाएंगे। इन इन स्टेशनों का विकास आगामी 40 से 50 वर्षों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। यह उन्हें जानकारी दी जाएगी।

री-डेवलपमेंट के बाद मिलेगी सुविधा

- रेलवे प्रशासन की योजना के मुताबिक पटरियों के ऊपर से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया तक रूफ प्लाजा बनेगा।

- इसमें दो से तीन फ्लोर बनाने की तैयारी है।

- इसमें पहले फ्लोर पर फूड प्लाजा, वेटिंग लाउंज रहेगा। जबकि, दूसरे फ्लोर पर रिटेल के लिए स्थान, कैफेटेरियाा और बच्चों के खेलने का स्थान रहेगा।

- यात्रियों को स्टेशन परिसर में ही रेस्टोरेंट, मेडिकल और शॉपिंग कांप्लेक्स आदि उच्चस्तरीय सुविधाएं मिलने लगेगी।

- उन्हें स्टेशन से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

धार्मिक व आध्यात्मिक पहचान भी दिखेगी

यही नहीं गोरखपुर जंक्शन के मेन गेट और बिल्ंिडग को भी खूबसूरत दिखाया गया है। अंग्रेजों के जमाने का भवन होने के चलते यह ऐतिहासिक है। इसलिए, भवन की डिजाइन में छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, लेकिन, धार्मिकता और आध्यात्मिकता की पहचान भी दिखाने का प्रयास है। गोरखनाथ मंदिर, गीता प्रेस सहित अन्य महत्व वाले स्थानों का भी अक्स देखने को मिल सकता है।