- पहले दिन ही पड़ा जुमा, मस्जिदों में उमड़ा रोजेदारों का हुजूम
- गुनाहों से तौबा करने और मगफिरत का महीना है माहे रमजान
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : रहमत, बरकत और मगफिरत का माह रमजान शुरू हो चुका है। माहे रमजान में यूं तो हर दिन अपने आप में बड़ा होता है, आम दिनों के मुकाबले इसमें हर अमल पर 70 गुना नेकी मिलती है। मगर जब बात जुमे की आती है, तो इस दौरान सवाब और बढ़ जाता है। इस बार रमजान की यही खास बात है। इस माह सभी रोजेदारों को पांच जुमे इबादत का मौका मिलेगा। रमजान की शुरुआत जहां जुमे से हुई है, वहीं अगर 29 का चांद होता है, तो जुमे को ही आखिरी रोजा भी रखा जाएगा। ऐसे में इस बार रोजेदारों के पास नेक अमल कर अपनी मगफिरत कराने के साथ ही रहमत और बरकत पाने का काफी अच्छा मौका है।
मस्जिदों में उमड़ा रोजेदारों का हुजूम
थर्सडे को रमजान का चांद देखने के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की तैयारियां शुरू हो गई थी। देर रात तक मस्जिदों में तरावीह में कलाम पाक सुनाया गया। फ्राइडे को सेहरी के बाद से रोजे का सिलसिला शुरू हुआ। दिन खास था और नेकी बटोरने का मौका भी था, इसलिए मस्जिदों में रोजेदारों का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी अपनी गुनाहों की मगफिरत के लिए मस्जिदों में गुनाहों की तौबा करते नजर आए। जुमे की नमाज अदा करने के बाद लोग तिलावते कलाम पाक में मशगूल हो गए। शाम 6 बजकर 59 मिनट पर अफ्तार के बाद दोबारा तरावीह की तैयारी शुरू हुई और बाद नमाज इशां तरावीह की नमाज अदा की गई।