गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।त्रेता युग का यह दृश्य इस युग में भी तब दिखा। जब नेपाल के जनकपुर यानी श्रीराम के ससुराल से रथ पर सवार देवशिलाएं पुष्पवर्षा और जय श्रीराम के उद्घोष के बीच गोरखपुर पहुंचीं। देर रात से ही सुबह तक मंदिर में देवशिलाओं के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सुबह करीब 9.40 बजे रथ देवशिलाओं का विधिवत पूजा-पाठ कर अयोध्या के लिए रवाना किया गया। जहां पर सबके सियाराम विराजेंगे।
9 घंटे मंदिर परिसर में रहा रथ
गोरखनाथ मंदिर पहुंचा देवशिलाओं का रथ 9 घंटे मंदिर परिसर में रहा। देवशिलाओं के दर्शन-पूजन के लिए बुधवार से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। लोग दर्शन के साथ-साथ शिलाओं पर मत्था टेक कर पूजा पाठ में इस तहर लीन रहे कि मानो भगवान श्रीराम साक्षात उनके सामने प्रकट हो गए हों।
लगे श्रीराम और बाबा गोरखनाथ के जयकारे
देवशिलाओं का रथ पहुंचने के बाद से ही भगवान राम और बाबा गोरखनाथ के जयकारे से मंदिर गूंजने लगा। जो देवशिलाओं की मंदिर परिसर से विदाई तक जारी रहा। मंदिर के संत-महंत और दूर-दूर से दर्शन के लिए श्रद्धालु देवशिलाओं का श्रद्धा के साथ पूजा पाठ करते दिखे।
ठंड पर भारी पड़ी आस्था
जैसा कि प्रोग्राम था कि दोपहर 2 बजे तक देवशिलाएं गोरखनाथ मंदिर आ जाएंगी। इस प्रोग्राम के अनुसार ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर कैंपस में एकत्रित होने लगी। कई घंटे लेट होने के बाद भी श्रद्धालु देवशिलाओं के दर्शन के लिए डटे रहे।
- नेपाल के दामोदरकुंड से लाई गईं शालिग्राम की शिलाएं।
- 26 जनवरी को नेपाल से चलीं दोनों शिलाएं।
- 217 किमी यात्रा कर गोरखपुर पहुंची शिलाएं।
- दो रथ पर 26 और 14 टन की शालिग्राम की शिलाएं आईं।
- शालिग्राम की शिलाओं से बनेगी श्रीराम और सीता की मूर्ति।
गर्वित हुए नेपाली नागरिक
नेपाल के लोग अयोध्या राम जन्मभूमि को वर्षों पुरानी शालिग्राम की शिलाएं समर्पित कर गर्वित महसूस कर रहे हैं। ये शिलाएं नेपाल सरकार की सहमति और नेपाल की जनता की ओर से रामलला के लिए प्रस्तुत की गई हैं। इन शिलाओं को एक तरफ नेपाली नागरिकों ने पूजा-पाठ कर विदाई दी। वहीं, दूसरी तरफ भारत में प्रवेश करते ही शालिग्राम की शिलाओं का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया।
फूलों की वर्षा के बीच रथ पहुंचा मंदिर
अयोध्या धाम जाने के लिए जनकपुर होते हुए नेपाल से आ रही देवशिला यात्रा फुलों की वर्षा के बीच मंगलवार रात 12:40 बजे गोरखनाथ मंदिर पहुंची। गुरु गोरक्षनाथ की धरती पर शलिग्राम शिलाओं का पूजन-अर्चन कर भव्य अभिनंदन किया गया।
नेपाल से बिहार के रास्ते आई शिलाएं
नेपाल से निकलकर बिहार के मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी व गोपालगंज, कुशीनगर होते हुए देवशिलाओं का रथ गोरखपुर पहुंचा। यात्रा के नोडल अधिकारी एएसपी रितेश सिंह मातहतों को आवश्यक निर्देश देते रहे। देवशिलाएं जब अयोध्या के लिए रवाना हुईं तब रास्ते में गोरखपुर मं उमेश के साथ तमाम श्रद्धालुओं ने वहीं सहजनवा के पास आईजीएल के बिजनेस हेड एसके शुक्ल ने दर्शन किया।