- रेलवे अस्पताल में विजिलेंस का छापा, गायब मिले डॉक्टर्स

- कमाई करने के साथ ही रेलवे को भी लगाते हैं चूना

GORAKHPUR : ललित नारायण मिश्र रेलवे हॉस्पिटल में बड़ी डॉक्टर्स मनमानी पर उतारू हैं। रेलवे के डॉक्टर्स हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट्स को छोड़ प्राइवेट प्रैक्टिस में लगे हुए हैं। यह बात सामने आई फ्राइडे को विजिलेंस छापे में, जिसमें डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहे रेलवे हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की कारगुजारियां वहीं के एंप्लाइज ने विजिलेंस टीम से शेयर कीं। शिकायत पर जब विजिलेंस टीम ने छापा मारा तो रेलवे हॉस्पिटल के कई बड़े नामचीन डॉक्टर्स नदारद दिखे। जांच में पता चला कि वे टाइम से नहीं आते हैं और घर पर प्रैक्टिस के दौरान सरकारी पर्ची लिखते हैं। इन पर कार्रवाई की संस्तुति के लिए विजिलेंस रिपोर्ट तैयार कर रही है।

शिकायत के बाद मारा छापा

रेलवे हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की लापरवाही की लगातार शिकायत के बाद डीके राय के नेतृत्व में विजिलेंट टीम हॉस्पिटल पहुंची। इनकी टीम में सलील श्रीवास्तव, टीएन श्रीवास्तव और रंजय सिन्हा भी शामिल थे। तय समय हो जाने के बाद भी वहां चार ओपीडी में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। पूछताछ के दौरान पता चला कि वे कभी क्0 बजे के पहले नहीं बैठते हैं। मरीज तो टाइमली लाइन लगा लेते हैं, लेकिन डॉक्टर्स मानचाहे वक्त पर ही एंट्री करते हैं।

घर के मरीज के लिए भी सरकारी पर्ची

पड़ताल के दौरान जब टीम मेडिसिन काउंटर पर पहुंची तो वहां दवाओं की पर्ची पड़ी हुई थी। जांच के बाद पता चला कि डॉक्टर्स ने घर पर ही मरीज के लिए सरकारी पर्ची लिख दी है। इसमें विजिलेंस टीम को ऐसे चार मेन डॉक्टर्स की पर्ची मिली, जो अस्पताल आने से पहले ही लिखी गई थी। सोर्सेज की मानें तो रेलवे अस्पताल के कुछ डॉक्टर्स टाइमली हॉस्पिटल नहीं पहुंचते हैं। परेशान मरीज उनके घर पहुंचते हैं तो अपनी फीस वसूलते हैं और ऊपर से सरकारी पर्ची भी लिख देते हैं। यानी, जहां वह अपनी जेब भर रहे हैं वहीं रेलवे को भी चूना भी लगा रहे हैं।

एनईआर की टीम ने की ईसी आडिट

पूर्वोत्तर रेलवे की विजिलेंस टीम ने पूर्व मध्य रेलवे विजिलेंस की आडिट की। इस दौरान अभिलेखों और हो रही जांचों की पड़ताल की गई। इसमें सबकुछ दुरुस्त पाया गया। एक दिन पहले ही टीम ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रेस के स्टोर की जांच कर कुछ अभिलेख जब्त किए थे, जिनकी पड़ताल की जा रही है।