- रेल मिनिस्ट्री ने सभी स्टेशंस पर ऑटोमेटिक वॉटर वेंडिग मशीन लगाने का किया फैसला

- न कोई दुकानदार और न कोई झंझट, पैसा डालने पर निकलेगा पानी

- 300 एमएल के ग्लास साथ ही मिलेगी 500 एमएल, 1, 2 और 5 लीटर की बॉटल

- वेंडिंग मशीन लगाने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को, रेग्युलर होगी क्वालिटी की जांच

GORAKHPUR : शदीद गर्मी में पानी के लिए लगातार हो रही मारामारी को देखते हुए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने पैसेंजर्स फ्रेंडली कदम उठाया है। अब रेलवे स्टेशन पर पानी की बॉटल के उन्हें 20 रुपए नहीं बल्कि महज 8 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। लगातार बढ़ रही पानी की डिमांड और आए दिन होने वाली पानी की किल्लत के मद्देनजर रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने सभी अहम स्टेशंस पर वॉटर वेंडिंग मशीन के थ्रू पानी सप्लाई करने का डिसीजन लिया है। डब्लूवीएम के थ्रू पैसेंजर अपनी बॉटल को महज 1 रुपए में रीफिल भी करा सकेंगे। इसके लिए आईआरसीटीसी को जिम्मेदारी भी सौंपी जा चुकी है।

मिलेगी 300 एमएल से 5 लीटर तक की बॉटल

रेलवे स्टेशंस पर पैसेंजर्स को जरूरत के हिसाब से पानी मिलेगा। अगर उन्हें फौरी तौर पर अपनी प्यास बुझानी है, तो इसके लिए उनके पास 300 एमएल का ऑप्शन है। अगर पैसेंजर्स के पास अपना गिलास या बर्तन है, तो उसे पानी के लिए 1 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। गिलास न होने की कंडीशन में उन्हें 2 रुपए में अदा करने पड़ेंगे। 300 एमएल के अलावा, 500, 1 लीटर, 2 और 5 लीटर के ऑप्शन भी अवेलबल होंगे। इसमें पैसेंजर्स अगर चाहें तो उनकी बॉटल रीफिल हो जाएगी, वहीं बॉटल के साथ पानी लेने का ऑप्शन भी मौजूद रहेगा।

जनरल क्लास के सामने होगी इंस्टाल

वॉटर वेंडिंग मशीन ऐसी जगह इंस्टॉल की जाएंगी, जहां से जनरल क्लास के पैसेंजर्स को आसानी से पानी मिल सके। वॉटर वेंडिंग मशींस में बड़ी तादाद में टोटियां लगी होंगी, जिससे कि एक ही वक्त में कई पैसेंजर्स इस फैसिलिटी का फायदा उठा सकें। ट्रेंस के जनरल क्लास के डिब्बे जहां आकर रुकते हैं, ऐसी जगहों पर वेंडिंग मशीन लगाने की प्लानिंग की गई है।

सभी को नहीं मिलेगा मौका

ऐसा भी नहीं कि कोई भी चाहे और जाकर स्टेशन पर सिस्टम या प्लांट लगाकर अपनी वेंडिंग मशीन लगा ले। रेलवे ने यह साफ किया है कि सिर्फ ट्रस्टेड ब्रांड्स और ऑथराइज एजेंट्स को ही स्टेशन पर वेंडिंग मशीन लगाने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही वॉटर वेंडिंग मशीन रिसर्व ऑसमोसिस टेक्नोलॉजी या अल्टरनेट सुपीरियर टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होनी चाहिए। इसके साथ ही पानी की क्वांटिटी और रेट्स डिस्प्ले बोर्ड पर डिस्प्ले करना होगा, जिससे पैसेंजर्स को किसी तरह की प्रॉब्लम न फेस करनी पड़े। कंपनी को पानी एंवायर्नमेंट फ्रेंडली डिस्पोजेबल ग्लास और पीईटी बॉटल्स भी अवेलबल कराने होंगे।

रेग्युलर होगी मॉनीटरिंग

वॉटर वेंडिंग मशींस और वॉटर क्वालिटी की जांच रेलवे और आईआरसीटीसी दोनों के ही जिम्मे होगी। इसके रख-रखाव के लिए वह रेग्युलर बेसिस पर वेंडिंग मशींस का इंस्पेक्शन करेंगे, जिससे कि पैसेंजर्स को बेहतर क्वालिटी का पानी मिल सके। पानी की क्वालिटी में कमी पाए जाने पर वेंडर के खिलाफ रेलवे सख्त कार्रवाई करेगा। फ्रेंचाइजी का सेलेक्शन डुअल टेंडर सिस्टम के थ्रू होगा, जिससे कि पैसेंजर्स को बेहतर क्वालिटी का पानी मिल सके। डुअल प्रॉसेस अपनाने की एक वजह यह भी है कि स्टेशन पर रिप्यूटेड कंपनी को इसकी जिम्मेदारी मिले और पैसेंजर्स को भी बेहतर और सस्ता पानी मिल सके।

क्वांटिटी रिफिल कंटेनर के साथ

300 एमएल 1 रुपए 2 रुपए

500 एमएल 3 रुपए 5 रुपए

1 लीटर 5 रुपए 8 रुपए

2 लीटर 8 रुपए 12 रुपए

5 लीटर 20 रुपए 25 रुपए