- मंत्री जी के दौरे पर खर्च होते हैं लाखों, लखनऊ में खर्च हुए 10 लाख से ज्यादा
- वीडियो कांफ्रेसिंग से होती है लाखों की बचत, रेलवे को भा रहा नया तरीका
GORAKHPUR : मंत्री जी आने वाले हैं, सब इंतजाम चकाचक होने चाहिए। भले ही लाखों खर्च हो जाएं, लेकिन कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। अब ऐसा नहीं होगा। नई ट्रेनों के उद्घाटन और विभिन्न तरह के इनॉगरेशन सेरेमनी पर होने वाले भारी भरकम खर्च को कम करने के लिए रेलवे ने आईटी का सहारा लिया है। अब वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ज्यादातर इनॉगरेशन सेरेमनी को निपटाया जा रहा है। यही वजह है कि ट्यूज्डे को गोरखपुर जंक्शन से रवाना हुई गोरखपुर-सीएसटी जनसाधारण एक्सप्रेस को भी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दिखाई।
लाखों रुपए की लगती है चपत
किसी नई ट्रेन के इनॉगरेशन के लिए अक्सर कोई केंद्रीय मंत्री आता है। चीफ गेस्ट बने मंत्रीजी के नाम का शिलापट लगता है, लेकिन उनके लिए अरेंजमेंट करने में रेलवे की माली हालत खस्ता हो जाती है। रेलवे हेडक्वार्टर से मिले आकंड़ों की बात करें तो 7 फरवरी को लखनऊ जंक्शन पर लखनऊ-काठगोदाम के इनॉगरेशन में क्0 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च हुआ। इस समारोह में गृहमंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा मौजूद थे। रेलवे ने ऐसे समारोहों में होने वाले भारी खर्च को देखते हुए वीडियो कांफ्रेसिंग को प्रॉयरिटी दी है। इससे लाखों रुपए की बचत तो होती ही है, मंत्री जी को भी बिजी शेड्यूल से टाइम नहीं निकालना पड़ता।
पूरा डिपार्टमेंट हो जाता है डिस्टर्ब
एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता बताते हैं कि रेलवे बोर्ड का यह नया सिस्टम काफी सराहनीय है। जब कोई मंत्री आता है तो उसके आने जाने में लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। इसके अलावा फोर्स, कर्मचारी और सफाई जैसे चीजों से जुड़े दिशानिर्देश कई दिन पहले ही जारी हो जाते हैं। इससे पूरा महकमा डिस्टर्ब हो जाता है।
मंत्री जी के दौरे पर खर्च रिमोट से हरी झंडी दिखाने पर
ट्रैवलिंग एलाउंस न ट्रैवलिंग एलाउंस का खर्च।
डियरनेस एलाउंस डियरनेस एलाउंस की बचत।
पब्लिक डीलिंग पब्लिक डीलिंग की जरूरत नहीं।
एडवरटाइजिंग कोई खर्च नहीं।
मैनपावर में खर्च मिनिमल मैनपावर
फूड पैकेट्स एंड रिफ्रेशमेंट नॉमिनल रिफ्रेशमेंट
टोटल - भ्-क्0 लाख रुपए टोटल- फ्0-ब्0 हजार रुपए
रेलवे के आला अधिकारियों से जैसा निर्देश प्राप्त होता है, वैसा किया जाता है। जनसाधारण एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के लिए वीडियो कांफ्रेसिंग के निर्देश थे, इसलिए फॉलो किया गया।
आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे