-गोरखपुर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म की सुरक्षा होगी मजबूत
-रेलवे सुरक्षा बल आरपीएफ लखनऊ मंडल के इस प्रपोजल को हेडक्वार्टर गोरखपुर ने हरी झंडी
GORAKHPUR: रेलवे स्टेशन कैंपस में अब परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। परिसर, यार्ड और आसपास एरियाज की निगरानी अब ड्रोन कैमरे से होगी। एनईआर हेडक्वार्टर स्टेशन गोरखपुर जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए आरपीएफ ने ड्रोन कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है। रेलवे सुरक्षा बल आरपीएफ लखनऊ मंडल के इस प्रपोजल को हेडक्वार्टर गोखपुर ने हरी झंडी दे दी है। प्रत्येक स्टेशन को इस सुविधा से लैस करने में करीब दस लाख रुपए खर्च होंगे। रेगुलर ट्रेनों के संचालन के साथ ही इन स्टेशनों पर ड्रोन कैमरे तैनात कर दिए जाएंगे।
एनईआर के लखनऊ मंडल में आने वाले स्टेशन गोरखपुर, गोंडा और लखनऊ जंक्शन पर सुरक्षा की दृष्टि से रेड जोन में आते हैं। गोरखपुर स्टेशन परिसर के पास ही एयरपोर्ट है। ऐसे में यह और संवेदनशील है। इसका प्लेटफार्म करीब दो किमी परिधि में हैं। विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म 1366.33 मीटर यहीं है। ऐसे में स्टेशन यार्ड की समुचित निगरानी नहीं हो पाती। स्टेशन यार्ड चारों तरफ से खुला होने के चलते सुरक्षा प्रभावित होती है। चोरी और दुर्घटना की आशंका रहती है। ड्रोन कैमरे की व्यवस्था होने से स्टेशन परिसर की हर पल निगरानी होती रहेगी।
रेल प्रशासन ने स्टेशनों की सुरक्षा को पुख्ता करने की योजना
रेल प्रशासन ने अपने सभी प्रमुख स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने की योजना तैयार की है। फिलहाल ए वन श्रेणी के गोरखपुर लखनऊ और छपरा जंक्शन पर पहले से एकीकृत सुरक्षा प्रणाली लागू है। इन स्टेशनों के परिसर में सीसीटीवी कैमरे, लगेज स्कैनर, मेटल डिटेक्टर और व्हीकल स्कैनर लगाए गए हैं।
स्टेशनों पर पहले से लगे सीसीटीवी कैमरे-67
स्टेशनों पर लगाए जाएंगे अतिरिक्त कैमरे--40
कैमरे लगाने में खर्च होंगे रकम-- 10 लाख
वर्जन
ड्रोन के लिए भारतीय एजेंसियों से बातचीत चल रही है। स्थिति सामान्य होते ही ड्रोन की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी जाएगी।
अमित प्रकाश मिश्रा, सीनियर कमांडेंट आरपीएफ