- रेल राजस्व वसूली के रुप में वसूला गया 39.61 करोड़
- 14.35 लाख केस में रहे 6.1 लाख बेटिकट पैसेंजर्स
- अन्य मामलों में भी पकड़े गए 8.25 लाख पैसेंजर्स
GORAKHPUR: रेलवे को आर्थिक मदद से उबारने में बेटिकट पैसेंजर्स ने इस बार काफी अहम भूमिका अदा की है। अप्रैल से लेकर नवंबर तक ऐसे पैसेंजर्स ने रेलवे को करोड़ों रुपए का फायदा दिया है। इतना ही नहीं बल्कि इस बार एनई रेलवे को रेलवे बोर्ड के निर्धारित लक्ष्य से अधिक की आमदनी हुई है। इस बार एनई रेलवे ने बेटिकट पैसेंजर्स से रेल राजस्व वसूली के रुप में 39.61 करोड़ रुपए की वसूली की है। यह रकम पिछले साल की तुलना में भी काफी अधिक बताई जा रही है। इस बार रेल प्रशासन ने मुफ्त यात्रा करने वाले पैसेंजर्स पर पूरी तरह शिकंजा कस दिया है। इसका नतीजा है कि इस बार रेलवे को इसके बेहतर परिणाम भी मिले हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल करीब छह करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व वसूली हुई है।
छह लाख से अधिक रहे बेटिकट
रेलवे पैसेंजर्स की संख्या में आ रही लगातार गिरावट को देखते हुए एनई रेलवे के जीएम राजीव मिश्र के निर्देश पर एनई रेलवे की ओर से बेटिकट पैसेंजर्स पर लगाम कसने के लिए लगातार अभियान चलाया जा है। रेलवे के आकड़ों के मुताबिक इस साल रेलवे की ओर से कुल 14.35 लाख केस पकड़े गए। इस दौरान काफी बड़े पैमाने पर 6.1 लाख बेटिकट पैसेंजर्स पकड़े गए हैं। जबकि पकड़े गए केसों में 8.25 लाख करीब ऐसे पैसेंजर्स रहे जो अन्य विभिन्न केसों में पकड़े गए और उन्हें सिर्फ जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया गया। यह आकड़े एनई रेलवे के लिए इस बार बड़ी सफलता साबित हुए है और इससे रेलवे को बड़ी आमदनी भी हुई है।
बेटिकट पैसेंजर्स पर लगाम कसने के लिए एनई रेलवे की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि इस बार अच्छी रेल राजस्व वसूली की गई है। इससे रेलवे के पैसेंजर्स में आ रही गिरावट की संख्या तो कम हो रही है। साथ ही डब्ल्यूटी पैसेंजर्स पर काफी हद तक अंकुश भी लगा है।
संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे