- बुधवार को लखनऊ से लौट रहे रेल कर्मचारी की ट्रेन में ही हो गई मौत

- शुक्रवार की सुबह परिजनों को मिली मौत की सूचना

GORAKHPUR: लखनऊ से गोरखपुर आ रहे रेलवे के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की ट्रेन में अबुझ हाल में मौत हो गई। ट्रेन में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही से दो दिनों तक डेड बॉडी ट्रेन में पड़ी रही और ट्रेन गोरखपुर से लखनऊ का चक्कर लगाती रही। गुरुवार की रात लखनऊ जा रही ट्रेन में डेड बॉडी पड़े होने की सूचना यात्रियों ने जब जीआरपी को दी तब तुलसीपुर स्टेशन पर डेड बॉडी उतारकर ट्रेन आगे बढ़ाई गई। रेलवे की लापरवाही से परिजनों में काफी आक्रोश था।

आईकार्ड से हुई पहचान

चिलुआताल एरिया के मानीराम, सिक्टौर गांव का नारद रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। उसकी तैनाती लखनऊ जंक्शन पर थी। बुधवार की शाम गोमती नगर एक्सप्रेस से वह गोरखपुर आ रहा था जिसकी सूचना घर वालों को दे दी थी। उसके घर न पहुंचने से परिजन भी परेशान हो गए। गुरुवार की रात गोरखपुर से ट्रेन लखनऊ लौट रही थी। आनंद नगर जंक्शन से ट्रेन आगे बढ़ती कि किसी ने ट्रेन में डेड बॉडी देखी। बढ़नी रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर यात्रियों ने रेलवे कर्मचारियों को सूचना दी। डेड बॉडी उतारने की प्रक्रिया पूरी की जाती, इसके पहले ट्रेन तुलसीपुर पहुंच गई। जीआरपी ने डेड बॉडी उतारकर तलाशी ली तो शर्ट की जेब में परिचय पत्र मिला। उसके आधार पर नारद की पहचान हुई और पुलिस ने परिजनों को सूचना दी।

पिता की जगह मिली थी नौकरी

शुक्रवार की अल सुबह नारद की मौत की सूचना उसके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। एक बेटा और दो बेटियों के पिता नारद की मौत पर किसी को यकीन नहीं हुआ। पिता के आकस्मिक निधन के बाद नारद को रेलवे में नौकरी मिली थी। वर्ष 2016 के अगस्त माह में उसकी ज्वाइनिंग लखनऊ में हुई। तभी से छुट्टी होने पर ट्रेन पकड़कर घर चला आता था। अपने रूट पर उतरने के लिए उसने बुधवार को गोमतीनगर एक्सप्रेस पकड़ ली लेकिन रास्ते में संदिग्ध हाल में उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद नारद की डेड बॉडी गांव पहुंची। रोहिन नदी में परिजनों ने दाह संस्कार कराया।