- अनमैंड क्रॉसिंग पर लगातार हो रही हैं दुर्घटनाएं, दर्जनों की जा चुकी है जान
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : अनमैंड क्रॉसिंग पैसेंजर्स के लिए जानलेवा साबित होती आई है। हर महीने दो महीने में एक हादसा अनमैंड क्रॉसिंग पर हो ही जा रहा है। इसको लेकर अब सांसदों ने भी सीरियसली सोचना शुरू कर दिया है। फ्राइडे को होटल शिवॉय में ऑर्गेनाइज एमपी और रेलवे की मीटिंग में सांसदों ने इस ओर पहल करते हुए रेलवे के सामने प्रपोजल रखा, जिसके तहत रेलवे की पुराने रूल को दोबारा लागू कर दिया जाए। इसमें अगर एक क्रॉसिंग एमपी मैंड या प्रॉपर करवाता है तो एक क्रॉसिंग रेलवे भी प्रॉपर करवाएगी। इस पर उन्हें रेलवे का पॉजिटिव रिस्पांस मिला है, अगर इस पर सहमति बन जाती है, तो जल्द ही सभी अनमैंड क्रॉसिंग को प्रॉपर किया जा सकेगा।
रेलवे बोर्ड ने दिया था प्रस्ताव
अनमैंड क्रॉसिंग रेलवे के लिए काफी वक्त से सिरदर्द बनी हुई हैं। इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने 2002-03 में एक प्रस्ताव पेश किया था। इसके तहत कोई भी जनप्रतिनिधि अपनी निधि से 10 लाख रुपए देकर एक क्रॉसिंग को प्रॉपर या बंद करवा सकता है, इसके बाद रेलवे अपनी तरफ से एक क्रॉसिंग को प्रॉपर करवाएगा। उस दौरान करीब 15 हजार अनमैंड लेवल क्रॉसिंग मौजूद थी। जनप्रतिनिधियों के एक कदम बढ़ाने पर रेलवे भी एक कदम बढ़ाने के लिए तैयार था, जिससे कि एक वक्त में एक साथ दो क्रॉसिंग बंद हो जाती और इससे सभी अनमैंड क्रॉसिंग जल्द प्रॉपर हो जाती।
एनईआर में बची है 1037 अनमैंड क्रॉसिंग
एनई रेलवे में टोटल 1037 अनमैंड क्रॉसिंग अब भी बची हुई है। इसमें भी एनई रेलवे का सबसे ज्यादा फोकस 150 सेंसिटिव क्रॉसिंग पर है। रेलवे में टोटल 2351 क्रॉसिंग हैं, जिनमें से 1037 अनमैंड हैं। इसमें से इस साल 53 मैंड क्रॉसिंग को मैंड कर दिया जाएगा, वहीं 49 क्रॉसिंग बंद कर दी जाएगी। अब रेलवे इन क्रॉसिंग को मैंड करने के साथ ही कुछ को बंद करने की प्रॉसेस में लगा हुआ है।
मैंने एक प्रस्ताव महाप्रबंधक के समक्ष रखा कि रेलवे का 2002-03 में एक बात सामने आई थी कि देश के अंदर उस वक्त 15 हजार से अधिक समपार थे, उन्हें मानव युक्त करने के लिए सांसद सदस्यों को 10 लाख देने की बात थी। अगर यह प्रस्ताव आज भी है, तो सांसद सदस्य इसमें सहयोग कर सकते हैं। इससे एक साथ दो मानव रहित क्रॉसिंग बंद हो जाएंगी और दुर्घटना की संभावना कम की जा सकती है। यह काफी सार्थक चर्चा थी, मुझे उम्मीद है कि इस तरह की चर्चाओं से विकास को बल मिलेगा।
- महंत आदित्यनाथ, सांसद, गोरखपुर