- इलेक्ट्रिक लोकोशेड, इलेक्ट्रिफिकेशन व तीसरी लाइन का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रेलमंत्री ने किया शिलान्यास
- सांसद योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में रखी गई तीनों परियोनाओं की आधारशीला
GORAKHPUR: रविवार का दिन एनई रेलवे के लिए खास रहा। लंबे इंतजार के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने एनईआर को एक साथ तीन सौगातें दे ही दी। रेल मंत्री ने बांद्रा टर्मिनस स्टेशन से रिमोट के जरिए यहां एक नहीं बल्कि तीन परियोजनाओं की शुरुआत की। इनमें गोरखपुर-गोंडा रेलखंड के इलेक्ट्रिेफिकेशन के लोकार्पण, गोरखपुर में 100 लोको क्षमता वाले एसी लोको शेड और डोमिनगढ़-गोरखपुर व गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन व गोरखपुर-नकहा जंगल दूसरी लाइन का शिलान्यास शामिल है। एनईआर मुख्यालय के गोरखपुर जंक्शन पर आयोजित इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट सदर सांसद महंत योगी आदित्यनाथ रहे। वहीं स्पेशल गेस्ट्स के रूप में महापौर डॉ। सत्या पांडेय, नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल, विधायक राजेश त्रिपाठी सहित अन्य सांसदों के प्रतिनिधि, एनईआर के जीएम राजीव मिश्र, लखनऊ मंडल के डीआरएम आलोक सिंह मौजूद रहे। समारोह का संचालन सीपीआरओ संजय यादव ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन डीआरएम आलोक सिंह ने किया।
रेल से होगा देश का विकास
एक साथ तीन परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि आज गोरखपुर क्षेत्र की बहुत पुरानी मांग पूरी हो रही है। पूवरंचल की जनता रोजगार के लिए अपने परिवार से दूर जाकर रहती है, जिनके लिए यात्राएं कठिन होती हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास के लिए जो योजना बनाई, उसमें रेल का महत्वपूर्ण योगदान है। अत: रेल के विकास से देश का विकास होगा। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में एसी लोको शेड बनाने, गोरखपुर-गोंडा रेल खंड का विद्युतीकरण होने और डोमिनगढ़-गोरखपुर-गोरखपुर कैंट-कुसुम्ही तीसरी लाइन व गोरखपुर-नकहा जंगल की दूसरी लाइन बनने से स्थानीय जनता को काफी सुविधा होगी।
विभिन्न स्तरों पर होगा विकास
कार्यक्रम की शुरुआत चीफ गेस्ट महंत योगी आदित्य नाथ ने दीप प्र”वलित कर की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्र की जनता की मांग को पूरा करने के लिए अब तक चल रही साप्ताहिक ट्रेन को प्रतिदिन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जीएम राजीव मिश्र के नेतृत्व में सर्वाधिक योजनाएं गोरखपुर को मिली हैं। आगामी तीन-चार वषरें में गोरखपुर का विभिन्न स्तरों पर विकास होगा, जिसमें भारतीय रेल अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी। इसके पूर्व एनई रेलवे के जीएम राजीव मिश्र ने कहा कि बदलते परिदृष्य में निकट भविष्य में एनईआर पर बड़े पैमाने पर रेल गाडि़यों का संचलन विद्युत कर्षण से होगा। जिससे इलेक्ट्रिक इंजनों के अनुरक्षण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रिक लोको शेड की स्थापना जरूरी हो गई थी। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय द्वारा इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए रेल बजट 2016-17 में गोरखपुर में विद्युत लोको शेड की स्थापना को 89 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत किया गया। उन्होंने कहा कि यात्री यातायात को ध्यान में रखकर किए जा रहे गाडि़यों के संचलन के दबाव को देखते हुए डोमिनगढ़-गोरखपुर-गोरखपुर कैंट-कुसम्ही (15.6 किमी.) तीसरी लाइन व गोरखपुर-नकहा जंगल (5.6) दूसरी लाइन निर्माण को रेल बजट 2016-17 में 186 करोड़ की लागत से स्वीकृति दी गई। जबकि डोमिनगढ़-गोरखपुर-गोरखपुर कैंट-कुसुम्ही खंड वर्तमान में दोहरी लाइन है।