- दो नाबालिग कंपाउंडर कर रहे थे मरीजों का इलाज
- पीएचसी प्रभारी ने तीन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ दी तहरीर
URUVA BAZAR: सीएमओ गोरखपुर के निर्देश पर पीएचसी उरुवा के प्रभारी डॉ। राज कुमार यादव ने गुरुवार को क्षेत्र के बहतिया बस्तियां में एक क्लीनिक पर छापा मारा। छापा पड़ते ही डॉक्टर क्लीनिक छोड़कर फरार हो गया। वहां दो नाबालिग कंपाउंडर का काम करते मिले। बेड पर पांच मरीज भर्ती पड़े थे। जांच में पता चला कि बिना डिग्री व लाइसेंस के ही डॉक्टर पेंशेंट को दवाएं देने से ऑपरेशन करने तक का काम कर रहा था। प्रभारी ने क्लीनिक संचालक के खिलाफ उरुवा थाने में तहरीर दी है।
बच्चेदानी का किया ऑपरेशन
टीम यह देखकर दंग रह गई कि अस्पताल में बेड पर पड़े कई पेशेंट के ऑपरेशन किए गए थे। मरीज सीमा का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था तो संगीता की बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था। केशा देबी, सुरसती, उर्मिला को ड्रिप चढ़ाया जा रहा था। उनकी देखरेख दो नाबालिग बच्चे कर रहे थे। टीम ने बच्चों को हिदायत देकर छोड़ दिया।
कोई डिग्री नहीं
टीम ने जांच में पाया कि क्लीनिक संचालक के पास कोई डिग्री नहीं है। वह बिना लाइसेंस व डिग्री के ही मरीजों का इलाज और ऑपरेशन कर रहा था। उसे टीम के आते ही फरार हो गया था। स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी ने दुघरा में बिना लाइसेंस व डिग्री के क्लीनिक चलाने वाले संचालक के साथ ही धुरियापार कस्बे में दो झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ उरुवा थाने में तहरीर दी है।
झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है। साथ ही उरुवा थाने में एफआईआर करने के लिए तहरीर दी है।
- डॉ। राजकुमार यादव, प्रभारी
- बांसगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद महिलाओं का बुरा हाल
- अस्पताल में पानी तक की नहीं है व्यवस्था, बोतलबंद पानी खरीद बुझाई प्यास
ऑपरेशन के बाद परिजन हाथ से झलते रहे पंखा
BANSGAON: सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बांसगांव में गुरुवार को बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए पहुंची महिलाओं का बुरा हाल हो गया। ऑपरेशन के बाद वार्ड में पंखा नहीं चलने से परिजन खुद ही हाथ से पंखा झलते रहे। गर्मी और दर्द से महिलाएं छटपटाती रहीं। डॉक्टर ने परिजनों से बाहर से दवाएं मंगवाई। अस्पताल में पीने का पानी नहीं होने पर वह भी बाहर से खरीदनी पड़ी।
अव्यवस्था से कराह उठीं महिलाएं
ऑपरेशन के बाद वार्ड की बेड पर पड़ी जमौली की सरिता, ग्राम भुसवल की संजना और ग्राम डाड़ीरावत की गायत्री ने बताया कि गांव की एएनएम और आशा ने बताया था कि अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं। वहां चलकर बंध्याकरण ऑपरेशन करा लें। किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी। दवा, ऑपरेशन सबकुछ मुफ्त होगा। लेकिन यहां तो प्राइवेट क्लीनिक में ऑपरेशन कराने से भी महंगा है।
खरीदनी पड़ी दवाएं
महिलाओं ने बताया कि डॉक्टर ने कई दवाएं बाहर से खरीदने के लिए कहा। वार्ड में पंखे नहीं काम कर रहे। परिजन ही किसी तरह तख्ती व पंखा झलकर राहत दे रहे हैं। अस्पताल में पीने का शुद पानी तक नहीं है। बाहर से पानी खरीदना पड़ रहा है। इस तरह सबकुछ जोड़कर यह बाहर के प्राइवेट क्लीनिक से महंगा हो गया। लेकिन अब तो ऑपरेशन हो गया तो कर ही क्या सकते हैं।