- नगर आयुक्त ने दिया आदेश, फाइल में कंस्ट्रक्शन साइट का लगाएं फोटो
- कोटेशन की फाइल की होगी जांच, फिर जारी होगा वर्कआर्डर
GORAKHPUR : नगर निगम में निर्माण कार्य में जमकर धांधली होने वाली थी। नगर निगम के जेई और पार्षद की मिलीभगत से निर्माण कार्यो में धांधली की रूपरेखा भी तय हो चुकी थी, लेकिन आई नेक्स्ट को इसकी भनक लग गई। क्9 दिसंबर के एडिशन में 'नगर निगम में होने वाला है भ्रष्टाचार' हेडिंग से इस पूरे षडयंत्र की पोल आई नेक्स्ट ने खोल दी। खबर छपने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में नगर आयुक्त ने आदेश जारी किया कि अब निर्माण कार्यो के लिए कोटेशन की फाइल नहीं बनाई जाएगी। यही नहीं, अब निर्माण कार्यो की फाइल में कंस्ट्रक्शन साइट का फोटो लगाना जरूरी होगा।
जांच के बाद ही बनेगी कोटेशन की फाइल
नगर आयुक्त राजेश कुमार त्यागी ने चीफ इंजीनियर को जारी पत्र में लिखा है कि पार्षद वरीयता के कार्यो में जो जरूरी हैं, सिर्फ उन्हीं का काम कोटेशन से हो, नहीं तो टेंडर कराया जाए। कोटेशन वाली किसी भी फाइल को बनाने से पहले कार्य स्थल का निरीक्षण किया जाए। इसमें यह देखा जाए कि कहीं काम को टुकड़ों में तो नहीं बांटा गया है। अगर ऐसा है तो इसका कारण जरूर बताया जाए।
कैसे होना था करप्शन?
आई नेक्स्ट के पास कंप्लेन आई कि नगर निगम में इन दिनों सिटी में होने वाले निर्माण कार्यो के लिए केवल कोटेशन की फाइल तैयार की जा रही है। जबकि टेंडर निकालने का प्रावधान है। इसके बाद आई नेक्स्ट ने तहकीकात की तो पता चला कि अकेले नवंबर में ही टोटल फ्भ्0 कार्यो के लिए कोटेशन की फाइल तैयार की गई है, जबकि इनमें से केवल भ्0 कार्यो का ही टेंडर हुआ है। दरअसल पार्षदों और अफसरों ने कई कार्यो को टुकड़ों में बांट कर हर टुकड़े की अलग फाइल तैयार करवाई थी, इन्हीं को कोटेशन के जरिए पास करा वारे-न्यारे करने की तैयारी थी, लेकिन आई नेक्स्ट ने पहले की भांडा फोड़ दिया।
कोटेशन की फाइल बनाने से मना कर दिया गया है। अब अगर कोटेशन के लिए कोई प्रस्ताव आता है तो उसकी जांच की जाएगी और बहुत जरूरी होने पर ही कोटेशन से ही काम कराया जाएगा।
राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त