- पूछताछ काउंटर बंद, लगा रहे चक्कर

- मरीज के साथ तीमारदार भी मुश्किल में

- जिम्मेदार नहीं उठा रहे काउंटर खोलने की जहमत

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज भूल भुलइया बन चुका है। अगर आप को किसी वार्ड या विभाग में जाना है, तो आप उसका रास्ता ढूंढते रह जाएंगे। ऐसा इसलिए कि पिछले एक साल से मेडिकल कॉलेज का पूछताछ काउंटर बंद है, जिसकी वजह से दूर-दराज से आने वाले मरीजों को इलाज कराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। वहीं अपने मरीजों को देखने के लिए आने वाले लोग भी मेडिकल कॉलेज में इधर-उधर चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार काउंटर खोलने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।

विभाग का लगा रहे चक्कर

पूर्वाचल का एकलौता बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दायरा बड़ा है। वार्ड और विभाग तक पहुंचने के लिए यहां एक पूछताछ काउंटर खोला गया जिससे मरीजों के साथ तीमारदार को सहुलियत मिल सके। उधर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कर्मचारियों का हवाला देते हुए काउंटर को बंद करा दिया। लिहाजा ओपीडी, पर्ची काउंटर, एक्सरे विभाग, अल्ट्रासाउंड कक्ष, ओटी, गायनी विभाग, बाल रोग विभाग, एसआईसी दफ्तर, ब्लड बैंक, डायलसिसिस यूनिट, इमरजेंसी तक जाने पहुंचे के लिए लोगों को जहमत उठानी पड़ती है।

चार घंटे तक लगाते रहे चक्कर

खजनी एरिया से आए मनोज मद्धेशिया मेडिकल कॉलेज में अपने एक मरीज से मिलने पहुंचे। उन्हें 100 बेड वाले इंसेफेलाइटिस वार्ड जाना था। वार्ड कहां है, इसके बारे में उन्हें किसी ने जानकारी नहीं दी। वह चार घंटे तक कैंपस में इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन उन्हें वहां का रास्ता नहीं मिल सका। वह पूछताछ काउंटर के पास पहुंचे, तो वहां ताला लगा था और कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं था। घंटो चक्कर काटने के बाद एक एंप्लाइज ने उन्हें वार्ड का पता बताया, तब जाकर उन्होंने राहत की सांस ली।

ट्रॉमा सेंटर के बाहर एक पूछताछ काउंटर है। पुरानी पर्ची काउंटर के पास बना पूछताछ काउंटर जल्द ही खोल दिया जाएगा।

डॉ। एमक्यू बेग, एसआईसी