- धर्मशाला बाजार में यूरिनल की नहीं है कोई सुविधा
- दो-दो टैक्सी स्टैंड होने के कारण हजारों की संख्या में पहुंचते हैं लोग
GORAKHPUR: शहर के सबसे पुराने मार्केट धर्मशाला बाजार में रोज हजारों लोगों का आना-जाना होता है। यहां दो-दो टैक्सी स्टैंड भी हैं। सालों पहले जब शहर छोटा था, तब भी यह मार्केट गुलजार था और आज भी है लेकिन इसके दिन कभी नहीं बदले। यहां पब्लिक की सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। हजारों लोगों की आवाजाही वाले जगह पर एक पब्लिक यूरिनल तक नहीं है। स्थिति यह है कि लोगों को खुले नाले का सहारा लेना पड़ता है।
सिटी का प्रमुख स्थान
धर्मशाला बाजार सिटी का एक प्रमुख स्थान है। यहां पर डेली कम से कम एक लाख लोग आते हैं। मार्केट में दो-दो आटो स्टैंड हैं। एक ऑटो स्टैंड गोरखनाथ, बरगदवां, मानीराम, कैंपियरगंज, आनंदनगर, सिद्धार्थनगर और सोनौली के लिए गाडि़यां मिलती है। वहीं दूसरा स्टैंड जो काली मंदिर के सामने है, वहां से शहर के लिए लोग ऑटो पकड़ते हैं। दोनों स्टैंड पर एक भी यूरिनल नहीं है। नगर निगम के पास तो यहां यह भी बहाना नहीं कि जमीन नहीं है। यहां पर इसके लिए पर्याप्त जमीन है लेकिन निगम ने इसके बारे में कभी सोचा ही नहीं। पब्लिक मांग करती रही और जिम्मेदार सोए रहे।
खरीदारी को पहुंचते हैं लोग
धर्मशाला बाजार पर दूर-दराज से लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। वहीं सिटी के लिए लोगों को भी किसी चीज की जरूरत हो, वे धर्मशाला पहुंच जाते हैं। यहां पुराना फलमंडी में सबसे अधिक भीड़ होती है। वहीं पेंट और हार्डवेयर के सामान के लिए भी यह बाजार खूब जाना जाता है। शहर में हार्डवेयर का जो सामान कही नहीं मिले, वह यहां मिल जाता है। सिनेटरी वाले आइटम्स के लिए भी यह बाजार जाना है। इस तरह यहां हजारों की संख्या में खरीदार पहुंचते हैं। लेकिन उनके लिए न तो मार्केट की तरफ से कोई सुविधा है और न ही नगर निगम के जिम्मेदारों ने ही कोई व्यवस्था की है।
मार्केट का नाम- धर्मशाला बाजार
मार्केट की खासियत- शहर के सबसे पुराने मार्केट में से एक।
दुकानों की संख्या- 3500 से अधिक।
दुकानों पर कार्य करने वाले वर्कर की संख्या- 5500
कस्टमर की संख्या- एक लाख से अधिक
कहां-कहां से आते हैं कस्टमर- गोरखपुर के अलावा मानीराम, कैंपियरगंज, सिद्धार्थनगर जाने वाले लोग यहीं से गुजरते हैं।
यहां जाते हैं लोग
- ओवरब्रिज के खंभों पर
- पुलिस लाइन की बाउंड्री के किनारे
- पुलिस चौकी के बाउंड्री पर
- रेलवे की बाउंड्री के किनारे खुले नाले में
- पुराना फलमंडी के बाद रेलवे लाइन पर
- टैक्सी स्टैंड के किनारे रेलवे की बाउंड्री पर
- भगत सिंह चौराहा की गलियों में
- तिवारीहाता के सामने खुले नाले में
- गुरुद्वारा गली में घरों की दीवारों के सहारे