- सब्जी मार्केट में रोजाना आते हैं 15-20 हजार लोग, नहीं है यूरिनल

- शहर को आधा दर्जन एरिया से जोड़ता है यह चौराहा

GORAKHPUR: शहर स्थित रुस्तमपुर के सब्जी मार्केट में रोज करीब 20 हजार लोग पहुंचते हैं। इनमें से कई को यूरिनल की जरूरत पड़ती है लेकिन यहां एक भी यूरिनल नहीं है। आई नेक्स्ट टीम रविवार को शहर के सबसे बड़े सब्जी मार्केट में से एक मार्केट आजाद चौक पर पहुंची तो पब्लिक को हो रही प्राब्लम का सहज ही अंदाजा हो गया। लगभग 500 मीटर लंबे इस मार्केट में 50 हजार से अधिक लोगों के लिए एक यूरिनल तक नहीं है। परेशान लोग किसी के घर की दीवार के पीछे या खुले नाले में पेशाब कर रहे थे।

40 घरों में जाती है यहीं से सब्जी

शहर के सबसे बड़े सब्जी मार्केट में से एक सब्जी मंडी आजाद चौक का भी है। इस मंडी से शहर के 10 से अधिक मोहल्लों के लगभग सभी घरों में यहीं से सब्जी जाता है। डेली कम से कम 50 हजार लोग डेली आते हैं और सब्जी मार्केट करने आते हैं, लेकिन यहां के लोगों के लिए कोई भी सुविधा नहीं है। यहां पर एक व्यापारी का कहना है कि पुलिस चौकी के पीछे एक सुलभ शौचालय है, लेकिन वहां फल बेचने वालों का कब्जा रहता है। वहीं आजाद चौक पर कोई भी यूरिनल नहीं है, लेकिन नगर निगम की यहां पर एक दर्जन से अधिक दुकानें हैं।

मार्केट का नाम- आजाद चौक

मार्केट की खासियत- रुस्तमपुर एरिया का मेन मार्केट

दुकानों की संख्या- 1000

दुकानों पर कार्य करने वाले वर्कर की संख्या- 2000

कस्टमर की संख्या- 50000

कहां-कहां से आते हैं कस्टमर- रानीबाग, बगहा बाबा रोड, दुर्गा चौक, चिलमापुर, नहर रोड, भरवलिया, फुलवरिया, न्यू महेवा कॉलोनी, रुस्तमपुर एरिया

हकीकत

यहां जाते हैं लोग

- पुलिस चौकी के पीछे

- महेवा रास्ते पर नाले के किनारे दीवार पर

- जनता इंटर कॉलेज के दीवार पर

- आजाद चौक पर लगी गुमटियों के पीछे

- नहर रोड पर मकानों के दीवार के पीछे

पीएम का सपना है खुले में कोई शौच न करें, लेकिन नगर निगम लोगों को खुले में पेशाब करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। आजाद चौक के जो भी जिम्मेदार अभी तक हुए हैं। वह कभी पब्लिक के बीच जाते ही नहीं हैं कि उनको पता चले कि पब्लिक की क्या परेशानी है।

दीपक दूबे, सामाजिक कार्यकर्ता

शहर के जिम्मेदारों की विकासवादी सोच होती है। वह जब विकास के लिए कार्य करते हैं तो पब्लिक को सुविधाएं मिलती है, लेकिन गोरखपुर के जिम्मेदार कभी विकास की सोच लेकर पब्लिक के बीच में जाते ही नहीं है कि उनको पब्लिक की सुविधा के बारे में पता चले।

संजयन त्रिपाठी, निवासी, बगहा बाबा स्थान

आजाद चौक एरिया में डेली कम से कम 50 से 60 हजार लोग आते हैं, लेकिन पब्लिक के लिए एक भी टायलेट नहीं है। कई बार तो पब्लिक आधा मार्केट करने के बाद घर लौट जाते हैं।

आनंद कन्नौजिया, दुकानदार

शहर के विकास और पब्लिक हित की बात करने वाले लोग कभी धरातल स्थल पर सोचते ही नहीं है, इसलिए आजाद चौक हो या शहर कोई भी मार्केट किसी भी मार्केट में पब्लिक टायलेट तक नहीं है। अगर कहीं तो वह गंदगी से पटा हुआ है।

वीरेंद्र निषाद, निवासी, रानीबाग