- गोरखपुर में सीधे सप्लाई के पाइप लाइन में जुड़े हैं घरों के मोटर
- नियमानुसार यह पूरी तरह से गलत है
GORAKHPUR: देश के साथ ही साथ शहर में पानी की किल्लत शुरू हो गई है। पब्लिक और जिम्मेदार दोनों ही पानी बर्बाद करने में कहीं से भी पीछे नहीं हैं। हालत यह है कि नियम को ताख पर रखकर पब्लिक सीधे जलकल की पाइप लाइनों में मोटर लगाकर पानी का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही है, लेकिन मामले में जिम्मेदार मौन बैठे हुए हैं। जेई पीएन मिश्रा का कहना है कि कोई भी सीधे जलकल की पाइप लाइन से मोटर नहीं लगा सकता है। स्थिति यह है कि शहर में 90 प्रतिशत जलकल का पानी यूज करने वाली पब्लिक सीधे मोटर लगाकर यूज कर रही है.जलकल से जुड़े लोगों की मानें तो अगर पब्लिक सीधे पानी न लेकर घर के बाहर गड्ढों से पानी ले, तो रोजाना करीब दो लाख लीटर पानी की बचत होगी।
डेली बर्बाद हो रहा पानी
जेई अष्टभुजा सिंह का कहना है कि सीधे मोटर लगाने से काफी नुकसान है। शहर में नई पाइप लाइन में लीकेज इसी कारण हो रही है। अष्टभुजा सिंह का कहना है कि पांच साल पहले एक सर्वे किया गया था, जिसमें यह बात सामने आई थी कि एक मोटर से रोजाना कम से कम दो लाख लीटर पानी पाइप लाइन के ज्वाइंट से लीक होता है। वहीं इससे पाइप लाइन लीकेज की संख्या भी बढ़ जाती है।
प्रेशर करता है लीकेज
शहर में जलकल की पानी सप्लाई वाले एरिया में करीब एक लाख मोटर लगे हुए है। अष्टभुजा सिंह का कहना है कि अचानक पाइप लाइनों में पानी की मांग बढ़ जाती है, जिसके कारण उस पर दबाव पड़ने लगता है। एक ढाई इंच की पाइप लाइन में अगर एक साल 25 पानी के मोटर चालू कर दिए जाएं और उस पाइप लाइन में पानी न हो तो लीकेज की संभावना लगभग 70 प्रतिशत बढ़ जाती है। पिछले दो साल से शहर में प्लास्टिक वाली पाइप लगाई जा रही है। इन पाइप लाइन में 60 प्रतिशत लीकेज इसी के कारण होती है।
पड़ोसियों को दिक्कत
मोटर लगने के कारण पड़ोसियों को सबसे अधिक परेशानी होती है। पीएन मिश्रा का कहना है कि अगर एक गली में उत्तर से दक्षिण की तरफ पानी सप्लाई हो रही है, मगर प्रत्येक घर में मोटर लगे होने के कारण सभी घरों को बराबर पानी नहीं मिलेगा। उत्तर में जो सबसे पहला घर होगा, उस घर में लगा मोटर सबसे अधिक पानी खींचेगा और उसके बाद के घर में उसी के मुताबिक पानी कम होता चला जाएगा। ऐसे में शहर की 70 प्रतिशत गलियों में यह प्रॉब्लम है।
क्या है नियम?
जलकल की पाइप लाइन से सीधे कोई पानी नहीं ले सकता है। अगर कोई सीधे पानी लेता है तो उस पर पानी चोरी का मुकदमा दर्ज हो सकता है। नगर निगम अधिनियम के तहत जो भी पानी चोरी कर रहा है, उस पर सरकारी संपत्ति चोरी करने का मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। जलकल के पानी को इस्तेमाल करने का नियम यह है कि पहले घर के सामने एक गड्ढा बनाया जाए, फिर इसमें सप्लाई वाला पानी भरा जाए। इसके बाद गड्ढे से वह पानी मोटर के जरिए टंकी में चढ़ाया जाए।