- एनएच-29 पर शव रखकर किया प्रदर्शन, 5 घंटे तक लगा रहा जाम
- 8 जुलाई को बदमाशों ने व्यवसायी को मारी थी गोली, लखनऊ के केजीएमसी में चल रहा था इलाज
GORAKHPUR:
किराना व्यवसायी अजय शाही की लखनऊ केजीएमसी में ट्यूज्डे मार्निग इलाज के दौरान मौत हो गई। इसकी सूचना मिलने के बाद गुस्साएं लोगों ने वेंस्डे मार्निग लगभग 8.30 फोरलेन के पास लाश रखकर वाछेपार हाईवे जाम कर दिया। उनका कहना था कि 8 जुलाई को हुई इस वारदात के 12 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है। जाम की सूचना पर बांसगांव सीओ राधेश्याम राय और कोतवाल यादवेंद्र पाल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। प्रदर्शनकारी मौके पर डीएम और एसएसपी को बुलाने की डिमांड को लेकर अड़े थे। घटना की जानकरी के बाद लगभग 11 बजे मौके पर पहुंचे एसपी ग्रामीण बृजेश सिंह के आश्वासन के बाद जाम हट सका।
एसपी ग्रामीण ने मांगी 10 दिनों की मोहलत
आक्रोशित ग्रामीणों ने व्यवसायी की लाश रखकर बड़हलगंज एनएच-29 पर जाम लगा दिया। करीब पांच घंटे हुए इस विरोध प्रदर्शन की वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों को रेला लग गया। इस दौरान कई राजनीतिक नेता भी मौके पर पहुंच गए और दस लाख मुआवजे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। मौके पर पहुंचे एसपी ग्रामीण बृजेश सिंह ने बदमाशों की धरपकड़ के लिए दस दिन का समय मांगा और गुनाहगारों को गिरफ्तार करने की बात कही। एसपी के आश्वासन के बाद जाम खत्म हो सका।
शॉप पर चढ़कर मारी थी गोली
बड़हलगंज के बैरियाडीह निवासी अजय शाही की चौराहे के पास किराने की शॉप है। 8 जुलाई की रात वह शॉप बंदकर घर जाने की तैयारी कर रहे थे। इस बीच बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने शॉप पर चढ़कर अंधाधुंध गोलियों की बरसात कर दी। इसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज एडमिट कराया गया था, जहां से डॉक्टरों ने उसे लखनऊ केजीएमसी के लिए रेफर कर दिया। ट्यूज्डे की भोर में व्यवसायी की इलाज के दौरान ही मौत हो गयी।
बदमाशों की नहीं हुई गिरफ्तारी
घटना के 12 दिन बाद भी पुलिस की नाकामी से परिजन काफी नाराज दिखे। फैमिली मेंबर्स ने गांव के ही पूर्व प्रधान और अन्य लोगों पर शक जाहिर किया था। आरोप है कि पुलिस अगर थोड़ा एक्टिव होती तो अपराधी अब तक पकड़ लिए जाते। इसे पुलिस की नाकामी ही कहेंगे कि घटना के बाद भी बदमाश खुलेआम घूम रहे हैं।