- प्रदेश सरकार ने 17 नवंबर को घोषित किया सार्वजनिक अवकाश

- टोटल 40 पब्लिक हॉलिडेज के साथ यूपी में पढ़ाई होगी प्रभावित

GORAKHPUR : प्रदेश सरकार ने 17 नवंबर को छठ के मौके पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इसी के साथ प्रदेश में एक साल में पब्लिक हॉलिडेज की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा सार्वजनिक छुट्टियों वाले राज्यों में से एक हो गया है। अब इससे पब्लिक पर तो असर पड़ेगा ही, बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। सभी तरह की छुट्टियों व एग्जाम्स को मिलाकर साल भर में कुल 145 दिन ही पढ़ाई हो पाती है।

भोजपुरी वोटर्स पर है निगाह

छठ पर्व बिहार के साथ-साथ पूर्वाचल में भी खास तौर पर मनाया जाता है। अकेले गोरखपुर में बिहार के लगभग एक लाख लोग रहते हैं। प्रदेश की सपा सरकार का ये कदम भोजपुरी बोलने वालों के बीच अपनी पैठ मजबूत करने का पैंतरा माना जा रहा है। महज 15 महीने बाद उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में महापुरुषों की जयंती पर अवकाश घोषित करने के पीछे विशेषज्ञ राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

यूपी में सबसे ज्यादा छुट्टियां

यूपी- 40

बिहार- 21

उत्तराखंड- 18

दिल्ली- 18

मध्य प्रदेश- 17

राजस्थान- 16

सपा सरकार में बढ़ी छुट्टियां

6 दिसंबर- बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि

23 दिसंबर- चौधरी चरण सिंह जयंती

5 अप्रैल- महर्षि कश्यप और महर्षि निषादराज जयंती

17 अप्रैल- पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती

9 मई- महाराणा प्रताप जयंती

24 जून- कर्पूरी ठाकुर जयंती

31 अक्टूबर- सरदार पटेल और आचार्य नरेंद्र देव जयंती

17 नवंबर- छठ पूजा

फॉर योर इंफॉर्मेशन

- पिछले 10 साल के दौरान यूपी में सार्वजनिक छुट्टियों की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।

- यूपी में सपा सरकार ने सत्तारूढ़ होने के साढ़े तीन साल में आठ पब्लिक हॉलिडे डिक्लेयर किए हैं।

- इससे पहले की बसपा सरकार ने तीन सार्वजनिक अवकाश घोषित किए थे। संत रविदास जयंती, कांशीराम जयंती व पुण्यतिथि पर अवकाश घोषित किया गया था। हालांकि कांशीराम जयंती की छुट्टी को अखिलेश सरकार ने खत्म कर दिया था।

फिगर्स स्पीक

फीस साल भर की, पढ़ाई जरा भी नहीं

एक सेशन- 365 दिन

टोटल पढ़ाई- 233 दिन

टोटल छुट्टी- 132 दिन

कैलेंडर में अलग से छुट्टियां

रेनी डे- औसत 5 दिन

कोहरा, गलन- औसत 20 दिन

लू, हीट स्ट्रोक- औसत 10 दिन

हकीकत में यूं चलती है क्लास

एक सेशन- 365 दिन

रविवार- 52

पर्व, जयंती- 78

एक्स्ट्रा छुट्टी- 35 दिन

इमरजेंसी छुट्टी- 10 दिन

एग्जामिनेशन- 45 दिन

टोटल पढ़ाई- 145 दिन

फिक्र नहीं तो छुट्टी क्यों?

महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि पर स्कूली खुली रखने की बजाय छुट्टी कर दी जाती है। जबकि उन्हें हाफ टाइम के बाद महापुरुषों के बारे में बच्चों को जानकारी देनी चाहिए। आई नेक्स्ट ने अपने रिएलिटी चेक में ये बात पुख्ता की थी कि महापुरुषों की जयंती पर होने वाले अवकाश से बच्चों को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। फिराक गोरखपुरी और गांधी जयंती पर आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक के नतीजे तो यही बताते हैं। होना यही चाहिए कि बच्चों के बीच उस दिन महापुरुष से जुड़े विषयों पर निबंध लेखन, ड्राइंग कॉम्प्टीशन या डिबेट कराना चाहिए। सार्वजनिक अवकाश घोषित करने पर सरकारी ऑफिसेज बंद होने से पब्लिक को भी परेशानी होती है।

पहले करीब 250 दिन पढ़ाई होने से माहौल बना रहता?था। लेकिन सरकार लगातार छुट्टियां बढ़ाती जा रही हैं। इन छुटिटयों से बच्चों को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। बच्चों को क्लास के लिए टाइम ही नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से सिलेबस ही नहीं पूरा हो पा रहा है।

सलिल के श्रीवास्तव, जेपी एजुकेशन एकेडमी

वोट बैंक के लालच में सरकार जिस तरह से छुट्टियां बढ़ा रही है, यह देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। बच्चों का सिलेबस पूरा न होने पर एग्जाम के समय स्कूल पर पूरा दबाव बन जाता है। कई बार गार्जियन हम लोगों को ही दोषी साबित करने लगते हैं।

डॉ। राहुल राय, लिटिल स्टार एकेडमी

छुट्टियां होने से हमारी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। लगातार स्कूल की छुट्टी होने पर सिलेबस ही पूरा नहीं हो पाता। एग्जाम्स के वक्त एक्स्ट्रा क्लास की वजह से बर्डन पड़ता है।

गीता गुप्ता, स्टूडेंट

वोट बैंक के लिए छुट्टियां बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। स्कूल में छुट्टी होने से सिलेबस पूरा नहीं हो पाता और ट्यूशन की मदद लेनी पड़ती है।

कुमारी अमीशा, स्टूडेंट

सरकार को हमेशा के लिए छुट्टी कर देनी चाहिए। वर्तमान समय में हम लोगों की हालत यह है कि लगातार छुट्टियां होने पढ़ाई का माहौल ही नहीं बन पा रहा है। अक्टूबर माह से लेकर नवंबर तक इतनी अधिक छुट्टियां हो गई हैं कि इन दोनों माह में पढ़ाई हो ही नहीं पाई है।

, स्टूडेंट