- दोपहर को हुए घटना के बाद मीटर बदलने और चेकिंग का कार्य छोड़ा
- चीफ इंजीनियर ने शाम को अफसरों और जेई के बीच कराया समझौता
- दोपहर के बाद बिल सही कराने आए कंज्यूमर्स को हुई प्रॉब्लम
GORAKHPUR: बिजली विभाग में बवाल और उसके बाद अफसरों और कर्मचारियों को हड़ताल आम बात हो गई है। छोटी-छोटी घटनाओं के खिलाफ भी धरने पर बैठ जाते हैं। बिजली विभाग के कर्मचारियों और अफसरों के धरने का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है। शनिवार को ऐसा ही मामला फिर सामने आया। एक्सईएन और जेई के बीच हुए विवाद के बाद जेई ने कार्य बहिष्कार कर गोलघर एक्सईएन ऑफिस में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही चीफ इंजीनियर ने दोनों अफसरों को बुला कर समझौता कराया, लेकिन समझौता कराकर लौटे जेई शास्त्री चौक पर फिर से हंगामा शुरू कर दिया। इसकी वजह से दोपहर बाद न तो बिल जमा हो सका और न ही बिल सही हो सके। अपने जरूरी काम को छोड़ विभाग पहुंचे कंज्यूसर्म को खालीहाथ लौटना पड़ा।
लाइन बंद पर गरमाया माहौल
जेई अशोक आचार्या का कहना है कि सुबह तकनीकी प्रॉब्लम के कारण नार्मल का एक फीडर बंद कराया था और उसके बाद चीफ इंजीनियर कार्यालय मोहद्दीपुर पहुंचा। उसी समय एक्सईएन का फोन आया और लाइन कटने के बारे में पूछा तो मैंने पूरी जानकारी दे दी, अभी मैं उन्हें बता ही रहा था कि एक्सईएन मुझसे अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। इसपर मैने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। अब हम किस तरह काम करें समझ में नहीं आ रहा है।
दोपहर बाद नहीं हुई चेकिंग
बिजली विभाग पिछले दो माह से शहर में चेकिंग अभियान चल रहा है। इस अभियान में बिजली विभाग के अफसर कंज्यूमर्स के घर जाकर बिल सही करने, मीटर बदलने और बकाया वसूली का कार्य कर रहे थे, लेकिन शनिवार को हुए विवाद के बाद जेई कार्य ठप कर एक्सईएन का घेराव करने के लिए शास्त्री चौक पहुंच गए। जेई प्रदीप दूबे का कहना है कि कोई भी अधिकारी किसी के साथ अभद्रता नहीं कर सकता है, जेई पहले से ही बहुत अधिक कार्य कर रहे हैं। दिन भर बिल वसूली करते हैं, मीटर बदलते हैं और बिजली सप्लाई का कार्य भी देखते हैं, लेकिन उसके बाद भी उन पर कार्य के लिए अव्यवहारिक दबाव बनाया जा रहा है।
बंद कर दिया ताला
दोपहर को चीफ इंजीनियर द्वारा समझौता करने के बाद लौट जेई एक्सईएन ऑफिस गोलघर पहुंचे और जहां उग्रता पर उतर गए। जैसे की एक्सईएन शाम को चार बजे ऑफिस पहुंचे जेई संघ ने एक्सईएन ऑफिस में उपस्थित कंज्यूमर्स को बाहर निकालकर मेन गेट पर ताला बंद करा दिया।
मैंने जेई को राजस्व वसूली के टारगेट को लेकर फोन किया था, जेई कार्य करना चाहते नहीं है, इसलिए वह बेवजह आरोप लगा रहे हैं।
एके श्रीवास्तव, एक्सईएन गोलघर
एक्सईएन ने जिस भाषा का प्रयोग किया, उनको सार्वजनिक नहीं कर सकता, लेकिन किसी भी अफसर के मुंह में इस तरह की बातें शोभा नहीं देती हैं।
अशोक आचार्या, पीडि़त जेई