- शहर के कई हिस्से 16 घंटे से लेकर 30 घंटे तक रहे अंधेरे में
- शुक्रवार की रात दो बजे गई तो रविवार सुबह आठ बजे आई बिजली
- गर्मी में रात बितानी हुई मुश्किल तो सुबह पानी के लिए तरसे
GORAKHPUR:
इंतजार के लम्हे यूं ही भारी होते हैं और इंतजार जब बिजली-पानी का हो तो परेशानी का आलम कई गुना बढ़ जाता है। शुक्त्रवार की रात दो बजे से रविवार की सुबह 8 बजे तक शहर के कई मोहल्लों के लोग इसी इंतजार की पीड़ा से गुजरते रहे। दो, चार, छह, 10, 12 घंटे से बढ़कर 30 घंटे तक। बिना बिजली और पानी के इन 30 घंटों का एक-एक पल जिंदगानी पर भारी पड़ा। शहर के 60 प्रतिशत एरिया में 16 से लेकर 30 घंटे तक बिजली सप्लाई बाधित रही।
तारामंडल पर सबसे ज्यादा मुश्किल
तारामंडल सब स्टेशन से एक दिन डेढ़ रातों की गुल बिजली ने पब्लिक को हलकान कर दिया, वहीं बिजली विभाग के अफसरों के माथे पर भी पसीना ला दिया। अभी तक लग रहा था कि यह सब स्टेशन शहर का सबसे सुरक्षित सब स्टेशन हैं। लेकिन शनिवार की रात 1 बजे जब सब कुछ सामान्य करके टेस्टिंग सप्लाई चालू हुई तो सबसे पहले तारामंडल सब स्टेशन दगा दे गया।
लोग पीने का पानी ढूंढ रहे थे
शनिवार की रात लोग बेचैनी से पहलू बदलते रहे। बड़े लोगों ने तो किसी तरह परेशानी सही, लेकिन बच्चों का बुरा हाल था। सुबह तक बिजली न आने पर स्थिति यह हो गई कि घरों में पीने का पानी खत्म हो गया। कुछ लोगों ने साधारण पानी स्टोर कर रखा था। लेकिन पीने के पानी के लिए उन्हें खासी मशक्कत करनी पड़ी। जिन लोगों के यहां हैंडपंप हैं, उनके यहां सुबह से ही लाइन लगी थी। कुछ लोगों ने दूसरे घरों से पीने का पानी लेकर अपनी प्यास बुझाई।
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इनकी भी मुश्किल और उनकी भी मुश्किल
शुक्रवार की रात दो बजे आंधी के बाद कटी बिजली ने इस साल ही नहीं पिछले दो साल में हुई बिजली कटौती का रिकॉर्ड तोड़ दिया। गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह का कहना है कि जब रात सप्लाई चालू कराने की बात आई तो सभी लोग बक्शीपुर को लेकर डरे हुए थे। तारामंडल को लेकर सभी निश्चिंत थे, लेकिन हुआ उसके उल्टा बक्शीपुर की टेस्टिंग दो बजे सफल हो गई और बक्शीपुर सब स्टेशन की सप्लाई 2.20 बजे शरू कर दी गई, जबकि तारामंडल सब स्टेशन तक बिजली पहुंच तो गई, लेकिन टेस्टिंग में ही फेल हो जा रही थी, स्थिति यह हो रही थी कि जैसे ही टेस्टिंग के लिए सप्लाई जोड़ी जा रही थी सब स्टेशन के सभी फीडर ट्रिप कर जा रहे थे। एसडीओ चंद्रशेखर चौरसिया ने बताया कि दो बजे 33 हजार की लाइन तो चालू हो गई, लेकिन उसके बाद सबसे पहले सर्किट हाउस 11 हजार वोल्ट की सप्लाई चालू की गई, लेकिन उसको लगाते ही ट्रिप कर गया, उसके बाद ओल्ड तारामंडल चालू किया गया, लेकिन इस फीडर में इंदिरा नगर के पास इंसूलेटर पंचर हो गया, रात होने के कारण इस इंसूलेटर को खोजना मुश्किल हो गया। पेट्रोलिंग करने के बाद सुबह 6 बजे पंचर इंसुलेटर मिला उसके बाद उसको बदला गया तब जाकर सुबह आठ बजे सप्लाई सामान्य हो पाई है। पूरा सब स्टेशन चालू लगभग 10 बजे के करीब चालू हो पाया।
2014 में हुई थी ऐसी कटौती
अक्टूबर 2014 में आए हुदहुद तुफान के बाद शहर में इतनी बड़ी कटौती हुई थी। तब पूरे शहर में सात घंटे तक बिजली गुल रही। उसके बाद शहर में सप्लाई चालू हुई थी तो 15 घंटे बाद शहर के 80 प्रतिशत एरिया में बिजली सप्लाई सामान्य हुई थी। लेकिन शहर के कई एरिया में 24 घंटे तक बिजली सप्लाई चालू हो पाई थी। उसके बाद इस बार इस तरह की कटौती हुई है।
एरिया कटौती का घंटा प्रभावित पब्लिक
तारामंडल सब स्टेशन 30 घंटा 15 हजार
रानीबाग सब स्टेशन 28 घंटा 8 हजार
बक्शीपुर सब स्टेशन 24.45 घंटा 20 हजार
राप्तीनगर फेज 4 18 घंटा 2 हजार
फातिमा अस्पताल के पीछे 17 घंटा 1500
मोहरीपुर 15 घंटा 1000
रुस्तमपुर आजाद चौक 13 घंटा 500