गोरखपुर (ब्यूरो)।नगर निगम अफसरों के मुताबिक टेक्निकल प्राब्लम के चलते ओटीपी जनरेट नहीं हो पा रही है। हालांकि यह दिक्कत कुछ दिनों की है। प्रॉब्लम दूर होते ही फीडबैक देने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इधर, अब सवालों की संख्या भी बढ़ गई है। जहां पहले 4 सवालों के जवाब देने थे, अब उनकी संख्या नौ हो चुकी है। अधिक से अधिक फीडबैक लोग कर सकें, इसके लिए नगर निगम के अफसर और कर्मचारी भी जुटे हैं। बकायदा सबको लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य हासिल करने के लिए वे घर-घर भी जाकर के लोगों को बता रहे हैं और फीडबैक करा रहे हैं लेकिन ओटीपी इनकी राह में रोड़ा बन रही है।

अब तक सिर्फ 650 फीडबैक

एक जुलाई से 16 अगस्त तक चलने वाले सिटीजन फीडबैक में अब 650 लोगों ने फीडबैक दिया है। अच्छी बात यह है कि सभी ने गोरखपुर में साफ-सफाई से लेकर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन से संतुष्टि जताई है। स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अफसर डॉ। मणि भूषण तिवारी का कहना है कि सर्वर में अगर खराब नहीं आई होती तो अब तक निर्धारित लक्ष्य पूरा हो गया होता। निगम के काम से लोग संतुष्ट हैं, यही कारण है कि फीडबैक में पॉजिटिव रिजल्ट आ रहा है।

पांच प्रतिशत है लक्ष्य

सिटीजन फीडबैक में शहर की कुल जनसंख्या के पांच प्रतिशत लोगों के फीडबैक का लक्ष्य है। नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार सात लाख जनसंख्या है, इसके अनुसार 35 हजार लोगों को फीडबैक देना है। अफसरों का मानना है कि लक्ष्य से ज्यादे लोग फीडबैक देंगे। बस सर्वर के ठीक होने का इंतजार है।

ऐसे दे सकते हैं फीडबैक

गोरखपुराइट्स क्यूआर कोड स्कैन करके या फिर स्वच्छ भारत मिशन की साइट से लॉगइन कर फीड बैक दे सकते हैं। मोबाइल नंबर फीड करने के बाद एक ओटीपी मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे फिल करने पर संबंधित सवाल सामने आ जाएगा। जो भी सवाल आएंगे, उसे हां और ना में देना है। इसमें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, गीला और सूखा कचरा अलग-अलग देने, गूगल मैप पर नजदीकी सार्वजनिक शौचालय को खोजने और पास पड़ोस के क्षेत्र को हमेशा साफ सुथरा रखने आदि संबंधी सवाल पूछे जाएंगे।

गौरवान्वित होगा गोरखपुर

सिटीजन फीडबैक के आधार पर गोरखपुर गौरवान्वित होगा। फीडबैक से स्वच्छ सर्वेक्षण में गोरखपुर को अच्छी रैंकिंग हासिल होगी। सिटीजन फीडबैक 600 अंको का है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में गोरखपुर राष्ट्रीय रैंकिंग में 37 पायदान चढ़ा था। गोरखपुर नगर निगम को पूरे देश में 74वां स्थान मिला था। इसके अलावा प्रदेश की रैकिंग में भी दो स्थान के उछाल के साथ नौवें से सातवें स्थान पर पहुंचा था।

इस बाद 9500 अंकों का सर्वेक्षण

इस बार 9500 अंकों के आधार पर सर्वेक्षण होगा, जबकि पिछले साल 7500 अंकों का था। ऐसे में पिछले वर्ष की तुलना में दो हजार अंक बढ़ा दिए गए हैं। सर्वेक्षण चार चरणों में होगा। इस बार सिटीजन फीडबैक सबसे पहले लिए जाएंगे। जबकि पहले अंतिम चरण में सिटीजन फीडबैक लिया जाता था।

अंकों का इस तरह होगा बंटवारा

4525 अंक सर्विस परफॉर्मेंस के लिए

2500 अंक सर्टिफिकेशन के लिए

2475 अंक सिटीजन वाइस के लिए

फैक्ट फाइल

डोर टू डोर में छोटी-बड़ी 225 गाडिय़ां लगीं

3500 कर्मचारी रोजाना सफाई में जुटे

नगर निगम एरिया में कुल 80 वार्ड

पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या आपके घर से हर दिन कचरा एकत्र किया जाता है।

2. क्या आप अपने घर में कचरे को अलग-अलग करते हैं

3. क्या आपके घर के नाले या ड्रेंस दृश्यमान साफ है

4. क्या आप अपने शहर में आरआरआर (कूड़ा कम उत्पन्न करें, पुन: उपयोग करें और रिसाइकल करें)केंद्र के बारे में जागरुक हैं।

5. क्या अपने हाल ही अपने शहर में कोई सामुदायिक शौचालय, सार्वजनिक शौचालय का उपयोग किया है।

6. क्या शहर में सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालय स्वच्छ और अच्छी तरह रखे गए हैं।

7. क्या आपको ज्ञात है कि आप डिजिटल मानचित्रों/ मैप पर नजदीकी सामुदायिक शौचालय का उपयोग किया है।

8. आप अपने आस-पड़ोस की साफ सफाई को कितना रेट करेंगे।

9. आप अपने शहर की समग्र स्वच्छता को कितना रेट करेंगे।

अफसरों का फीडबैक लक्ष्य

समस्त जोनल अधिकारी 1000

जोनल सफाई अधिकारी 1000

समस्त सहायक अभियंता निर्माण, जलकल एवं पथ प्रकाश 500

समस्त अवर अभियंता, जलकल एवं पथ प्रकाश 500

समस्त कर निरीक्षक 1000

समस्त सुपरवाइजर पथ प्रकाश, निर्माण, जलकल 500

समस्त कार्यालय लिपिक/कनिष्ठ लिपिक 500

समस्त कम्प्यूटर ऑपरेटर 500

टेक्निकल प्रॉब्लम से ओटीपी जनरेट नहीं हो रहा है। इसके लिए लोग फीडबैक नहीं दे पा रहे हैं। यह जल्द ही ठीक हो जाएगा। हालांकि, अभी फीडबैक देने के लिए काफी समय है। लक्ष्य से अधिक लोग फीडबैक देंगे। जिन्होंने अभी तक फीडबैक दिया है, वह नगर निगम के काम से संतुष्ट है। लोगों से अपील है कि वह गौरवान्वित गोरखपुर के लिए फीडबैक जरूर दें।

- डॉ। मणि भूषण तिवारी, नोडल अफसर, स्वच्छ भारत मिशन