- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का शुल्क देने से लोग कर दे रहे मना
- नगर निगम की ओर से नहीं कराई गई थी कोई आधिकारिक घोषणा
- कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों को भी हो रही काफी दिक्कत
GORAKHPUR: नगर निगम की पब्लिक के साथ सूचनाओं का सही तरीके से आदान-प्रदान ना करना शहर के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है। एक साल पहले शुरू हुई डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन योजना के शुल्क से जुड़ी कोई आधिकारिक घोषणा ना होने के चलते कई वार्डो में कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई है। तमाम वार्डो में लोग टैक्स देने का हवाला देते हुए कूड़ा कलेक्शन के लिए अलग से पैसे देने से इनकार कर दे रहे हैं। वहीं, इसके चलते कार्यदायी संस्था के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। कूड़ा कलेक्शन का पैसा ना मिलने से इसमें लगे कर्मचारियों के वेतन का खर्च नहीं निकल पा रहा है। वहीं नगर निगम अधिकारी हैं कि अधिनियम का हवाला देकर पब्लिक से शुल्क लेने की बात कह रहे हैं।
60 रुपए प्रत्येक घर है शुल्क
नगर निगम ने एक साल पहले शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना शुरू की। पहले 10 वार्ड और फिर 20 अन्य वार्डो में इसे शुरू किया गया। नगर निगम ने तय किया था कि जो भी फर्म कार्य करेगी, वह अपने कर्मचारी लगाएगी, जबकि कूड़ा निस्तारण के लिए गाड़ी व अन्य संसाधन नगर निगम देगा। कूड़ा निस्तारण में लगे कर्मचारियों के वेतन का खर्च 60 रुपए प्रति घर के हिसाब से लिए शुल्क से निकलता। इसके लिए नगर निगम ने कार्यदायी संस्था को अधिकारी भी दिया था। इतनी सारी कवायद तो हो गई लेकिन नगर निगम की लापरवाही देखिए कि योजना के शुल्क के बारे में पब्लिक को पूरी तरह बताने की किसी ने जहमत ही नहीं उठाई। ना तो इसके लिए कोई विज्ञापन ही दिया गया और ना ही निगम के जिम्मेदारों मे वार्डो में लोगों को इसके बारे में जानकारी दिलाई।
टैक्स तो देते ही हैं
कूड़ा कलेक्शन के शुल्क के बारे में जानकारी ना फैलाए जाने की लापरवाही के चलते अब पब्लिक भी पैसे ना देने पर अड़ गई है। कई वार्डो में लोग ये तर्क देने में लगे हैं कि जब वे नगर निगम को विभिन्न टैक्स देते ही हैं तो फिर अलग से कूड़ा सफाई के लिए पैसे क्यों दें। वहीं लोगों के पैसा ना देने के चलते कार्यदायी संस्था के लोग भी काफी परेशान हैं। पैसे ना मिल पाने के कारण संस्था के सामने कूड़ा कलेक्शन में लगे कर्मचारियों के वेतन का संकट खड़ा हो गया है।
इन वार्डो में चल रही योजना
जटेपुर, कृष्णा नगर, महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर दो, इंजीनिय¨रग कॉलेज, रुस्तमपुर, बेतियाहाता, अलहदादपुर, गिरधरगंज, मोहद्दीपुर, छोटेकाजीपुर, पुर्दिलपुर, मियां बाजार, अंधियारी बाग, रामजानकी नगर, सिविल लाइंस द्वितीय, सिविल लाइंस प्रथम, गोपलापुर, झरना टोला, इस्माइलपुर, राप्ती नगर, दाउदपुर, रायगंज, शाहपुर, घोसीपुरवां, तिवारीपुर, नरसिंहपुर, विकास नगर, महुईसुघरपुर, कल्याणपुर, कृष्णानगर
इन तीन बिंदुओं पर है विरोध
- नागरिकों का कहना है कि नगर निगम ने 60 रुपए देने का शुल्क निर्धारित किया है, इस संबंध में किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है।
- नागरिकों का कहना है कि जब नगर निगम की ओर से निर्धारित हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स और सीवर टैक्स दे रहे हैं तो अब कूड़ा निस्तारण का अलग से शुल्क क्यों दें।
- लोगों का ये भी कहना है कि जब हम नगर निगम की ओर से लगे कूड़ेदान में कूड़ा डालते हैं तो ऐसे में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित करने वालों का सहयोग क्यों करें।
नगर निगम का कहना है
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने 8 अप्रैल 2016 में ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम-2016 अधिसूचना जारी की।
- ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम-2016 के भाग-2, खंड 3 ((ii) के बिंदु संख्या- 15(च) में डोर-टू-डोर कूड़ा योजना के लिए फीस निर्धारित करने का नियम है
- ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम-2016 के भाग-2, खंड 3 ((ii) के बिंदु संख्या- 15(छ) में किसी के द्वारा शहर की गली या सड़क पर कूड़ा सार्वजनिक स्थानों पर न जलाए जाए।
- ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम-2016 के भाग-2, खंड 3 ((ii) के बिंदु संख्या- 15((H) में कचरा फैलाने वालों पर नियम विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
वर्जन
नगर निगम शहर के 30 वार्डो में डोर-टू-डोर कूड़ा प्रबंधन की योजना चला रहा है। कई एरिया में पब्लिक शुल्क देने से मना कर रही है। उनको यह शुल्क नगर निगम या किसी फर्म द्वारा नहीं निर्धारण किया गया है। यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत लिया जा रहा है।
- डॉ। सतीश कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम